संसद के मानसून सत्र से पहले मनमोहन सिंह की शरण में बीजेपी, मांगा कांग्रेस का सहयोग
संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू हो रहा है जो 10 अगस्त तक चलेगा। केंद्र सरकार का उद्देश्य इस सत्र को सफल बनाना है। बाकी सत्रों की तरह मानसून सत्र में किसी तरह का कोई हंगामा न हो इसके लिए केंद्र कांग्रेस का सहयोग चाहती है। कांग्रेस के सहयोग की दरकार में बीजेपी के नेता इस वक्त विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। केन्द्रीय संसदीय मामलों के राज्य मंत्री विजय गोयल ने गुरुवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से नई दिल्ली में मुलाकात की। गोयल ने कहा, ‘मानसून सत्र के दौरान विपक्ष का सहयोग होना बहुत जरूरी है।’ उन्होंने कहा कि वह अन्य विपक्षी पार्टी के नेताओं से भी मुलाकात करने की योजना में हैं।
बता दें कि संसद का बजट सत्र और शीतकालीन सत्र काफी हंगामे भरा रहा था, ऐसे में केंद्र का उद्देश्य है कि वह मानसून सत्र को सफल बनाए और ज्यादा से ज्यादा बिल पास किए जा सकें। पिछले बजट सत्र में साल 2000 के बाद सबसे कम काम हुआ है। बार-बार सदन स्थगन से लोकसभा में मात्र 21 फीसदी और राज्यसभा में मात्र 31 फीसदी ही काम हो सके थे।
18 दिनों के मानसून सत्र में केंद्र सरकार के कंधों पर करीब आधा दर्जन से ज्यादा बिल पास कराने की चुनौती है। चूंकि यह चुनावी साल है इसलिए बीजेपी का संसद में लटके बिलों को पास कराकर उसका राजनीतिक फायदा लेने की कोशिश करेगी। वहीं विपक्ष इसकी राह में रोड़ा अटका कर सत्तारूढ़ पार्टी की राजनीतिक पहल को कुंद करना चाहेगी। ऐसे में संसद में गतिरोध होना तय है। यही वजह है कि केंद्रीय मंत्री विपक्ष के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं।
जहां विजय गोयल ने मनमोहन सिंह से मुलाकात की तो वहीं संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने भी सोमवार को सभी विपक्षी दलों से इस बारे में अनुरोध किया कि संसद के मानसून सत्र को सुचारू रूप से चलाने में मदद करें। उन्होंने कहा कि मानसून सत्र कुल 18 दिनों का है, इसलिए सदन की उत्पादकता बढ़ाने में सभी राजनीतिक दल सहयोग करें।