मगहर: फिर से इतिहास में चूक कर गए पीएम मोदी, वीडियो हुआ वायरल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार (28 जून) को संत कबीर की 620वीं पुण्यतिथि के मौके पर उत्तर प्रदेश संत कबीर नगर के मगहर में कुछ ऐसा बोल दिया कि इतिहासकारों को किताबों के पन्ने पलटने पड़ गए। ऐतिहासिक मामलों की जानकारी रखने वाले तबकों से यह बात सामने आ रही है कि मगहर में पीएम मोदी फिर से इतिहास में चूक कर गए। अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ”महात्मा कबीर को उनकी ही नर्वाण भूमि से मैं एकबार फिर.. कोटि कोटि नमन करता हूं। ऐसा कहते हैं कि यहीं पर संत कबीर, गुरुनानक देव और बाबा गोरखनाथ जी ने एक साथ बैठकर के आध्यात्मिक चर्चा की थी। मगहर आकर के मैं एक धन्यता अनुभव करता हूं।” पीएम मोदी की इस बात को गलत करार देने के बारे में तर्क यह दिया जा रहा है कि बाबा गोरखनाथ, कबीर दास और गुरुनानक से बहुत पहले के दौर के थे। बाबा गोरखनाथ का जन्म 11वीं शताब्दी में हुआ था जबकि कबीर दास का जन्म 14वीं शताब्दी के आखिर में (1398 – 1518) हुआ था जो कि 120 साल जीवित रहे थे। वहीं गुरुनानक 15वीं और 16वीं शताब्दी के मध्य में (1469-1539) रहे।

पहले भी कई दफा प्रधानमंत्री मोदी पर इतिहास के साथ चूक करने के आरोप लग चुके हैं। 2013 में पटना की एक रैली में नरेंद्र मोदी ने “बिहार की ताकत” का जिक्र करते हुए सम्राट अशोक, पाटलिपुत्र और नालंदा के साथ तक्षशिला का भी नाम लिया था। तक्षशिला जबकि पंजाब का हिस्सा रहा है जो कि अब पाकिस्तान में पड़ता है। एकबार अमेरिकी दौरे पर पीएम मोदी ने कोर्णाक के करीब 700 वर्ष सूर्य मंदिर को 2000 वर्ष पुराना बता दिया था। पीएम मोदी ने एकबार कहा था कि जब हम गुप्त साम्राज्य की बात करते हैं तो यह हमें चंद्रगुप्त की राजनीति याद दिलाता है। दरअसल, वह जिन चंद्रगुप्त की राजनीति की बात कर रहे थे वह मौर्य साम्राज्य के थे। चंद्र गुप्त द्वितीय गुप्त साम्राज के थे।

बता दें कि कबीर दास की पुण्यतिथि के मौके पर पीएम मोदी ने गरीबों, दलितों, शोषितों और वंचितों के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाते कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों पर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा, ”कुछ राजनीतिक दल, जिन्होंने संत कबीरदास जी को गंभीरता से नहीं पढ़ा वो समाज में शांति और विकास नहीं, कलह और अशांति का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। सत्ता का लालच ऐसा है कि आपातकाल लगाने वाले और उस समय आपातकाल का विरोध करने वाले एक हो गए हैं। ये सिर्फ अपने परिवार का हित देखते हैं।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *