रोहिंग्‍या मुसलमानों के समर्थन में लिखी गई पोस्‍ट्स हटा रहा है फेसबुक : रिपोर्ट

फेसबुक म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों पर हो रही हिंसा के बारे में सोशल मीडिया पर बढ़ा-चढ़ाकर पोस्ट करने वाले लोगों के अकाउंट बंद कर रहा है। इस बात की जानकारी फेसबुक की प्रवक्ता रुचिका बुधराजा ने दी है। उन्होंने इस बारे में कहा, ‘हम चाहते हैं कि फेसबुक एक ऐसा प्लेटफार्म हो जहां लोग पूरी जिम्मेदारी के साथ कुछ भी पोस्ट या शेयर करें। हम सुरक्षित और संतुलित अभिव्यक्ति के लिए प्रयासरत हैं। म्यांमार के मामले में सामुदायिक मानकों की गहराई से समीक्षा की जा रही है। इन मानकों पर खरे ना उतरने वाले पोस्ट और अकाउंट को हटाया जा रहा है।’ लेकिन जिन लोगों के पोस्ट हटाए गए हैं या अकाउंट बंद कर दिए गए हैं, उन्होंने उम्मीद जताई है कि सोशल मीडिया का दिग्गज फेसबुक उन्हें सच्चाई बयां करने का मौका जरूर देगा।

इस बीच बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने एक बार फिर म्यामां से कहा है कि वह करीब 4,20,000 रोहिंग्या मुस्लिमों को वापस ले, जो बौद्ध बहुल देश में हिंसा के कारण भाग आए हैं। मीडिया खबरों में कहा गया है कि शेख हसीना ने पिछले तीन सप्ताह से जारी नए संकट को लेकर म्यामां पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढाने का भी आह्वान किया। वह संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में शामिल होने के लिए न्यूयार्क में हैं जहां वह बांग्लादेशी कार्यकर्ताओं से बातचीत कर रही थीं।

उन्होंने कल रात कहा, ‘‘हमने म्यामां से कहा है, वे लोग आपके नागरिक हैं, आपको उन्हें वापस लेना चाहिये , उन्हें सुरक्षित रखिए, उन्हें आश्रय दीजिए, कोई दमन और प्रताड़ना नहीं होनी चाहिए।’’ हसीना ने कहा कि बांग्लादेश राजनयिक प्रयास कर रहा है ताकि म्यामां शरणार्थियों को वापस ले। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन सरकार म्यामां आह्वान पर ध्यान नहीं दे रही है। बजाय इसके, म्यामां सीमा पर बारूदी सुरंग बिछा रहा है ताकि रोहिंग्या अपने मूल देश नहीं लौट सकें।’’ संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर इस्लामी देशों की एक बैठक में हसीना ने कहा कि रोहिंग्या लोगों को बंगाली करार देने के लिए म्यामां दुष्प्रचार कर रहा है। उन्होंने जोर दिया कि उन लोगों को म्यामां की नागरिकता दी जानी चाहिए।

 

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