मंदसौर गैंगरेप: आरोपी की मां बोली- निर्दोष है मेरा बेटा, CBI जांच हो
मध्य प्रदेस के मंदसौर रेप कांड में दूसरे आरोपी आसिफ की मां अपने बेटे के बचाव में आ गई है। आसिफ की मां ने कहा कि उनका बेटा निर्दोष है। उन्होंने इस केस की सीबीआई जांच की मांग की है। आसिफ की मां ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, “मेरा भरोसा है कि वह निर्दोष है, इस केस में सीबीआई जांच होनी चाहिए, यदि वह दोषी पाया जाता है तो उसे कठोर सजा दी जानी चाहिए।” बता दें कि पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों इरफान और आसिफ पिता जुल्फिकार मेव को गिरफ़्तार किया है। पुलिस की जांच में पता चला है कि स्कूल से बच्ची को लाने आसिफ ही गया। आसिफ ने ही बच्ची को चॉकलेट और मिठाई का लालच दिया और बच्ची को अपने साथ लाया फिर उसे इरफान को सौंप दिया। आरोप है कि इसी दौरान झाड़ियों में दोनों दरिंदों ने बच्ची के साथ गैंगरेप किया। इस मामले में पुलिस ने पहले इरफान को फिर उससे पूछताछ के आधार पर आसिफ को अरेस्ट किया था।
I trust he is innocent. A CBI inquiry should be conducted in the case. If he is found guilty he should be severely punished: Mother of the second accused in rape of an eight-year-old in Mandsaur. #MadhyaPradesh pic.twitter.com/t1nyO3GCDM
— ANI (@ANI) July 1, 2018
इस बीच पीड़ित बच्ची के पिता के खाते में राज्य सरकार ने बतौर मदद 5 लाख रुपये ट्रांसफर किये हैं। मध्य प्रदेश की महिला एंव बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनिस ने कहा कि मुख्यमंत्री 5 लाख रुपये पीड़िता के पिता के खाते में ट्रांसफर कर दिये हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बच्ची की सेहत और शिक्षा का पूरा ख्याल रखेगी। लेकिन पीड़ित बच्ची के पिता ने कहा है कि उन्हें राज्य सरकार से 5 लाख रुपये नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस वहशी ने उनकी बेटी के साथ घृणित हरकत की है उसे फांसी पर चढ़ाया जाना चाहिए।
इस बीच लड़की की हालत में धीरे-धीरे सुधार रहा है। एमवायएच के अधीक्षक वीएस पाल ने संवाददाताओं को बताया, “बच्ची की हालत खतरे से बाहर है। उसकी सेहत में लगातार सुधार हो रहा है।” उन्होंने बताया कि पीड़ित बच्ची की सेहत पर एमवायएच के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम बराबर नजर रख रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशों पर निजी क्षेत्र के दो बाल शल्य चिकित्सकों की सलाह भी ली जा रही है, ताकि बच्ची के इलाज में कोई कोर-कसर न रहे। एमवायएच अधीक्षक ने बताया, “हमने बच्ची को अर्द्ध ठोस आहार देना शुरू कर दिया है। बच्ची पूरी तरह होश में है और अपने माता-पिता से बात भी कर रही है।” उन्होंने एक सवाल पर कहा कि बच्ची के माता-पिता ने उनके सामने मरीज को किसी अन्य अस्पताल में स्थानांतरित करने की न तो कोई मांग रखी है, न ही एमवायएच प्रशासन उसे किसी अन्य अस्पताल में भेजने की फिलहाल कोई जरूरत महसूस कर रहा है। पाल ने कहा, “बच्ची के माता-पिता एमवायएच में अपनी संतान के इलाज से संतुष्ट हैं।” उन्होंने बताया कि सर्जरी के बाद बच्ची के घाव भर रहे हैं और उसे अस्पताल से छुट्टी मिलने में कम से कम दो हफ्ते का समय लगेगा।