दिल्ली और एनसीआर में महसूस किए गए भूकंप के हल्के, भूकंप की तीव्रता 4 रिक्टर स्केल

दिल्ली और एनसीआर में रविवार (एक जुलाई) की दोपहर भूकंप आया। तीन बजकर 37 मिनट पर हल्के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता 4 रिक्टर स्केल मापी गई। पड़ोसी राज्य हरियाणा के सोनीपत में इसका केंद्र बताया गया। देश की राजधानी के अलावा रोहतक में भी झटके महसूस किए गए। झटके महसूस करने के बाद लोग अपने-अपने घरों से निकल आए। अच्छी बात है कि अभी तक जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।

राजधानी और आस-पास के इलाकों में भूकंप के झटके सबसे अधिक ऊंची इमारतों पर रहने वालों ने महसूस किए। आपको बता दें कि भूकंप के लिहाज से दिल्ली सबसे संवेदनशील इलाका माना जाता है। दोपहर में कई जगहों पर लोग सीलिंग फैन हिलते देख फौरन घरों से बाहर निकले, जबकि कुछ जगहों पर लोग दुकानें बंद कर सड़कों पर निकल आए।

दिल्ली को क्यों है ‘खतरा’?: जानकारों का मानना है कि दिल्ली का विकास योजनाबद्ध तरीके से नहीं किया गया है, लिहाजा यह शहर जिंदा बम जैसा बन चुका है। केंद्र और राज्य की विभिन्न एजेंसियों ने इसके जोखिम को लेकर अध्य्यन किए हैं, जिनके अनुसार दिल्ली जहां बसी है उसमें अलग-अलग प्रकार की मिट्टी है। दिल्ली जोन-4 में आती है। मध्य दिल्ली का रिज वाला इलाका इसमें सुरक्षित माना जाता है। मगर यमुना पार (पूर्वी दिल्ली) का क्षेत्र ऊंची इमारतों के लिए ठीक नहीं है। वहीं, हाई रिस्क जोन-5 में देश के 344 शहरों के नाम आते हैं।

रिस्क के होते हैं 4 जोन्सः भूकंप के खतरे और जोखिम को चार जोन्स में बांटा गया है। जोन-2 में दक्षिण भारत का हिस्सा आता है। भूकंप का सबसे कम खतरा यहीं रहता है, जबकि जोन-3 मध्य भारत है। जोन-4 में दिल्ली व आसपास के इलाके आते हैं। जोन-5 में हिमालय, पूर्वोत्तर और कच्छ शामिल है। इन इलाकों में सर्वाधिक खतरा रहता है।

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