जयनगर-पुरी एक्सप्रेस के 22 डिब्बे दो किलोमीटर तक बिना इंजन के दौड़ते रहे, सैकड़ों की जान खतरे में
शनिवार की सुबह जयानगर-दरभंगा-पुरी एक्सप्रेस के 22 डिब्बे इंजन से हटकर करीब 2 किलोमीटर तक रेलवे ट्रैक पर बिना इंजन के दौड़ते रहे। इस दौरान इन डिब्बों में सैंकड़ों यात्री सवार थे, जिससे कुछ देर के लिए इन यात्रियों की जान पर बन आयी। फिलहाल रेलवे ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। घटना ईस्ट सेंट्रल रेलवे के दरभंगा समस्तीपुर सेक्शन पर घटी। बताया जा रहा है कि जयानगर-दरभंगा-पुरी एक्सप्रेस शनिवार सुबह 5 बजे जयानगर से निकली थी और उसे अगले स्टेशन मधुबनी पर रुकना था। जयानगर से निकलने के बाद करीब 2 किलोमीटर चलने के बाद ट्रेन का इंजन डिब्बों से अलग हो गया। हालांकि यात्रियों को इसकी जानकारी नहीं हुई। यात्रियों को इसका पता तब हुआ, जब ट्रेन के डिब्बे धीमे हुए और बाद में रुक गए।
खबर के अनुसार, ट्रेन के डिब्बे खाजौली स्टेशन के करीब रुके, जिसके बाद खाजौली के स्टेशन मास्टर को इसकी सूचना दी गई। स्टेशन मास्टर ने बाद में बताया कि ट्रेन के ड्राइवर को इंजन डिब्बों से अलग होने की जानकारी हो गई थी। इसके बाद ड्राइवर ने इंजन की स्पीड बढ़ा दी, ताकि डिब्बों और इंजन की टक्कर ना होने पाए। ट्रेन के ड्राइवर ने इसके बाद इंजन को खाजौली स्टेशन पर रोक लिया था और आला अधिकारियों को मामले की जानकारी दी। इसके बाद अधिकारियों के निर्देश पर ट्रेन के इंजन को फिर से डिब्बों के साथ जोड़ा गया और ट्रेन को रवाना किया गया। हालांकि इस काम में ट्रेन करीब 50 मिनट लेट हो गई।
वहीं इंजन के अलग होने के कारणों पर रेल अधिकारियों का कहना है कि हो सकता है कि कपलिंग में किसी दिक्कत के कारण या फिर किसी मकैनिकल परेशानी के कारण ट्रेन का इंजन डिब्बों से अलग हो गया होगा। फिलहाल मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। गौरतलब है कि इससे पहले बीते 7 अप्रैल को भी अहमदाबाद-पुरी एक्सप्रेस का इंजन अपने डिब्बों से अलग हो गया था। इंजन से अलग होने के बाद ट्रेन के डिब्बे करीब 13 किलोमीटर तक बिना इंजन के चले जा रहे थे। बाद में जानकारी मिलने पर ट्रेन के डिब्बों को इंजन के साथ जोड़ा गया था।