जम्मू एवं कश्मीर: अब पत्थरबाज लड़कियों को सबक सिखाएंगी 500 महिला कमांडोज

जम्मू एवं कश्मीर में महिला पत्थरबाजों से निपटने के लिए सुरक्षाबलों से खास रणनीति तैयार की है। महिला कमांडो की विशेष टीम तैयार की जा रही है, जो प्रदर्शकारियों में शामिल महिलाओं से निपटेंगी। इस कमांडो दस्ते के लिए सेना और विभिन्न अर्द्धसैनिक बलों से 500 जांबाज महिलाओं को चुना गया है। रक्षा व गृह मंत्रालय से हरी झंडी मिलने के बाद इन सभी का श्रीनगर के केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) शिविर में विशेष प्रशिक्षण शुरू किया गया है। आतंकवादियों से निपटने के अभियान के दौरान सुरक्षाबलों के खिलाफ प्रदर्शकारियों और पत्थरबाजों की हिंसक कारगुजारियां बढ़ती देख कई नए कदम उठाए जा रहे हैं। इनमें से महिला कमांडो दस्ता तैयार करना प्रमुख है। पत्थरबाजों की भीड़ में शमिल महिलाओं व बच्चों से ये कमांडो निपटेंगी। सीआरपीएफ ने महिला कमांडो के प्रशिक्षण की तस्वीरें जारी की हैं।

इस दस्ते को पत्थरबाजों से बचने के लिए खासतौर पर हर चीज समझाई और सिखाई जा रही है। इन सभी को पुरुषों की तरह कड़ी ट्रेनिंग दी जा रही है। मुख्यत: इन कमांडो को तीन स्टेप बताए जा रहे हैं। पहला, हालात को भांपना, फिर भीड़ पर काबू पाना और अंत में बल का प्रयोग करना। इन सभी को बताया जा रहा है कि अचानक आने वाली ऐसी परिस्थितियों से वे कैसे निपटें। महिला कमांडो टीम को आंखों पर पट्टी बांधकर आने वाले खतरों से आगाह करने और उनसे मुकाबले के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। साथ ही उन्हें रात के समय होने वाली ऐसी घटनाओं से दो-चार होने की स्थिति में उठाए जाने वाले कदमों और इस दौरान हथियारों में आने वाली किसी भी खराबी को एक मिनट के अंदर दूर कर लेने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। गृह और रक्षा मंत्रालय को भेजी अपनी तमाम रपटों में सैन्य बलों ने पत्थरबाजों की बात उठाई और कई सुझाव भेजे। सैन्य बलों का मानना है कि पत्थरबाजों की भीड़ में शामिल महिलाओं एवं बच्चों से पुरुष सैन्यकर्मी नहीं निपट पाते। ऐसे में कई दफा आतंकवादी फायदा उठा लेते हैं। इस कारण ही खास रणनीति के तहत महिला कमांडो तैयार करने की योजना बनाई गई।

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