गर्लफ्रेंड से मिलने के लिए लगाई गुहार, कोर्ट ने पूछा- शादी करोगे? सुना दिया यह फैसला
गर्लफ्रेंड से जब कई दिनों तक संपर्क करने में प्रेमी नाकाम रहा तो उसने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। प्रेमिका से शादी करने के युवक के दावे पर पसीजे कोर्ट ने उसे प्रेमिका से मिलने और साथ रहने की इजाजत दी है। इसके लिए कोर्ट ने उस पुनर्वास केंद्र को भी मदद करने को कहा है, जहां फिलहाल प्रेमिका रह रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक
मुंबई हाईकोर्ट नेक पुनर्वास केंद्र को 26 वर्षीय युवती को उसके प्रेमी के साथ रहने की अनुमति देने को कहा है। कोर्ट ने कहा है कि अगर युवती बॉयफ्रेंड के साथ जिंदगी बसाना चाहती है तो उसे प्रेमी के साथ रहने दिया जाए। कोर्ट ने कहा कि युवती बालिग है और जिंदगी के फैसले ले सकती है। कोर्ट ने कहा-26 साल की एक युवती को अपनी जिंदगी से जुड़े अंतिम फैसले लेने का हक पुनर्वास केंद्र को दोनों की मदद करनी होगी।
ये बातें कोर्ट ने युवती के प्रेमी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कही।दरअसल युवती को प्रेमी से मिलने और बात करने के लिए रोक दिया गया था। जिस पर प्रेमी ने अदालत का दरवाज खटखटाया था। याचिका के मुताबिक युवती की अपनी मां से पटती नहीं थी। फरवरी 2017 में युवक से मुलाकात के बाद वह मोहब्बत कर बैठी।इसके बाद वह अहमदाबाद में युवक के साथ रहने लगी। पिछली दीवाली पर युवती कानपुर अपनी दादी को देखने पहुंची, जहां उसकी मां समेत अन्य परिवार के लोग थे।वहां युवती ने कानपुर पुलिस में मां पर उत्पीड़न का केस दर्ज कराया। फिर युवती 12 मई से मुंबई में रहने लगी।
आरोप है कि पांच दिन बाद जब बॉयफ्रेंड ने संपर्क करने की कोशिश की तो संपर्क नहीं हो सका।जब युवक ने पड़ताल की तो पता चला कि उसकी गर्लफ्रेंड को पुनर्वास केंद्र में रखा गया है। जिसके बाद युवक ने कोर्ट से न्याय की गुहार लगाई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि क्या वह युवती से शादी करना चाहता है, इस पर युवक ने कहा कि वह लड़की से बहुत प्यार करता है और दो महीने के भीतर शादी करेगा। जिसके बाद कोर्ट ने युवक और युवती के पक्ष में फैसला सुनाया।