पंजाब: पुलिस का आरोप- हरमनप्रीत कौर की डिग्री फर्जी, जा सकती है डीएसपी की नौकरी
पंजाब पुलिस ने कहा है कि भारतीय महिला टी-20 क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर की नौकरी जा सकती है। पंजाब के मोगा की रहने वाली हरमनप्रीत पंजाब पुलिस में इस वक्त डीएसपी के पद पर तैनात हैं। हरमनप्रीत कौर ने 1 मार्च को पंजाब पुलिस में डीएसपी के पद पर ज्वायन किया था। लेकिन अब हरमनप्रीत कौर की डिग्रियां फर्जी होने की बातें सामने आ रही हैं।
फर्जी है हरमनप्रीत के ग्रेजुएशन की डिग्री: डीएसपी बनने के बाद पंजाब पुलिस हरमनप्रीत कौर की डिग्रियां सत्यापित करवाने में जुटी हुई थी। अब पंजाब पुलिस का कहना है कि हरमनप्रीत कौर ने अपने ग्रेजुएशन के जो कागजात पुलिस को सौंपे थे उसमें इस बात का जिक्र है कि उन्होंने अपना ग्रेजुएशन मेरठ स्थित चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से किया है। लेकिन जब पुलिस ने हरमनप्रीत के डिग्री से संबंधित सभी कागजात मेरठ यूनिवर्सिटी को सत्यापन के लिए भेजा तो युनिवर्सिटी प्रशासन ने कहा कि कागजात में जो रजिस्ट्रेशन नंबर दिये गये हैं वो यूनिवर्सिटी के नहीं हैं।
क्या कहा हरमनप्रीत कौर ने? इधर जब ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ ने इस पूरे मामले पर हरमनप्रीत की प्रतिक्रिया लेने चाही तो उन्होंने कहा कि वैसे तो ऐसा कुछ नहीं है। लेकिन जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने किस विषय से और किस साल ग्रेजुएशन किया तो इसपर हरमनप्रीत ने जवाब दिया कि मैं इस विषय पर अपने विभाग से बातचीत करने के बाद ही आपको कुछ बता सकती हूं।
डीएसपी पद के योग्य नहीं हरमनप्रीत: दरअसल पंजाब पुलिस का कहना है कि जांच के दौरान यह सामने आया है कि हरमनप्रीत की ग्रेजुएशन की डिग्री फर्जी है। इस बीच अब पुलिस ने राज्य के गृह विभाग को सूचित किया है कि हरमनप्रीत के ग्रेजुएशन की डिग्रियां फर्जी हैं, लिहाजा वो अब डीएसपी के पद पर कार्यरत नहीं रह सकतीं। यहां आपको बता दें कि गृह विभाग अभी राज्य के सीएम अमरिंदर सिंह के पास है।
सीएम ने ऑफर किया था पद: आपको बता दें कि पिछले साल हुए महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के खिलाफ उनके शानदार प्रदर्शन के बाद राज्य के सीएम अमरिंदर सिंह ने उन्हें डीएसपी का पद ऑफर किया था। हालांकि उस वक्त हरमनप्रीत रेलवे विभाग में कार्यरत थीं, लेकिन उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और डीएसपी बन गई थीं। हरमनप्रीत का रेल विभाग से 5 साल का करार भी था। जब हरमनप्रीत ने रेलवे की नौकरी छोड़ी थी तो विभाग ने उनपर बड़ा जुर्माना भी ठोका था। लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह ने रेल मंत्री पीयूष गोयल से आग्रह कर जुर्माने की राशि माफ भी करवा दी थी।