ट्विटर पर ट्रोल हुईं सुषमा स्वराज को राजनाथ सिंह ने किया फोन, बोले- यह सब ठीक नहीं
तन्वी सेठ उर्फ सादिया अनस पासपोर्ट मामले में पासपोर्ट अधिकारी का तबादला किए जाने को लेकर ट्विटर पर ट्रोल हुईं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को गृहमंत्री राजनाथ सिंह का भावनात्मक समर्थन मिला है। पूरी मोदी कैबिनेट में राजनाथ सिंह अकेले ऐसे नेता कहे जा रहे हैं जिन्होंने सुषमा स्वराज से इस इस बारे में बात की और मीडिया से भी अपनी बात साझा करने में दिलचस्पी जताई। द प्रिंट की खबर के राजनाथ सिंह ने पिछले कुछ दिनों से ट्विटर पर ट्रोल हो रहीं सुषमा स्वराज से सहानुभूति जताई। द प्रिंट के मुताबिक राजनाथ सिंह ने बताया, ”पिछले हफ्ते जब उन्होंने उनके साथ किए गए दुर्रव्यहार को लेकर पहला ट्वीट किया तब उसके तुरंत बाद मैंने उनसे फोन पर बात की थी।” राजनाथ सिंह ने आगे कहा, ”जब हम मिले तो मैंने उनसे मामले के बारे में पूछा। मैंने अपनी सहानुभूति व्यक्त की।” हालांकि गृहमंत्री ने यह बताने में दिलचस्पी नहीं दिखाई कि उन्होंने ऑनलाइन आकर सुषमा स्वराज का समर्थन क्यों नहीं किया और उनके साथ किए जा रहे दुर्रव्यहार पर टिप्पणी क्यों नहीं की। बता दें कि राजनाथ सिंह की स्वीकार्यता ने उन्हें मोदी कैबनेट में से पहला ऐसा शख्स बना दिया जिसने इस मुद्दे पर सुषमा स्वराज से बात की। सुषमा स्वराज पर कुछ ट्रोल्स ने मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगाते हुए उनके लिए भद्दे ट्वीट्स किए थे।
ऐसा कहा जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी की महिला नेताओं तक ने भी सुषमा स्वराज के समर्थन में बोलने की जहमत नहीं उठाई, बल्कि पीडीपी-बीजेपी गठबंधन में जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और कई विपक्षी नेताओं ने नैतिक धरातल पर उनका समर्थन करने की बात कही। प्रोटोकॉल से बाध्य राष्ट्रपति राम नाथ कोविंग ने भी अप्रत्यक्ष तौर पर एक दिन पहले अपना समर्थन दर्ज कराया। इस सप्ताहांत राष्ट्रपति भवन में तमाम मिशन को लीड कर रहे नेताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, मैं सुषमा स्वराज अनुकरणीय नेतृत्व के लिए की उनकी तारीफ करता हूं।
ट्विटर पर सुषमा स्वराज के 11.7 मिलियन फॉलोवर्स हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 43.2 मिलियन फॉलोवर्स के साथ दुनिया के टॉप तीन सबसे ज्यादा फॉलो की जाने वाली शख्सियतों में से एक हैं। विदेश मंत्री ने रविवार को ट्रोलिंग पर एक ऑनलाइन पोल भी करा लिया, जिसमें चौंकाने वाले नतीजे आए। शाम तक करीब 110,000 लोगों ने वोट किया, जिसमें 43 फीसदी लोगों ने ट्रोलिंग के पक्ष में राय दी, हालांकि 57 फीसदी लोगों ने ट्रोल न करने वाले विकल्प पर वोट किया।
बता दें कि पिछले दिनों तन्वी सेठ उर्फ सादिया अनस पासपोर्ट मामले में पासपोर्ट अधिकारी का तबादला किए जाने के बाद विदेश मंत्री को ट्रोल करना शुरू हुआ था। पिछले दिनों ने तन्वी सेठ उर्फ सादिया अनस और उनके पति मोहम्मद अनस सिद्दीकी ने आरोप लगाया था उनके अलग-अलग धर्मों से होने की वजह से पासपोर्ट अधिकारी ने पासपोर्ट जारी नहीं किया। दंपति ने इसकी शिकायत के लिए टविटर का सहारा लिया था और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को टैग कर दिया था। ऐसा होने पर पासपोर्ट अधिकारी का तबादला कर दिया गया था और दूसरे पासपोर्ट अधिकारी ने दंपति को हाथों-हाथ पासपोर्ट सौंप दिए थे। बाद में पुलिस जांच में तन्वी सेठ उर्फ सादिया अनस के दस्तावेज गलत पाए गए थे। तन्वी सेठ के लखनऊ के पते की पुष्टि नहीं हो पाई थी। पुलिस का कहना था कि वह एक साल से नोएडा में रह रही थीं।
यह बात सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर सुषमा स्वराज मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोपों से घिर गई थीं और कुछ ट्रोल्स ने उनके लिए बेहद भद्दी टिप्पणियां कीं। इस पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के पति स्वराज कौशल भी आहत हुए थे और उन्होंने ट्रोल्स को जवाब देने के लिए ट्विटर का ही सहारा लिया था। उन्होंने सुषमा स्वराज के परिवार के प्रति समर्पण की कहानी बताते हुए ट्रोल्स के कहा था कि वे ऐसे शब्दों का प्रयोग न करें क्योंकि उनसे उन्हें असहनीय दर्द पहुंचा है। मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वराज कौशल को यह सलाह दी थी कि वे ट्रोल्स को समझाने से बचें। उन्होंने यह भी कहा था कि उन्हें पता है कि उनके साथ ऐसा कौन करा रहा है।”