राजस्‍थान की वसुंधरा सरकार ने कहा- गुर्जर ओबीसी के तहत भी 21 फीसदी आरक्षण के हकदार

राजस्थान सरकार ने आज स्पष्ट किया कि अति पिछड़ा वर्ग के तहत आने वाली गुर्जर समेत पांच जातियां शिक्षण सस्थानों में प्रवेश और सरकारी नियुक्तियों के लिये अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी के अंतर्गत 21 फीसदी आरक्षण की हकदार हैं। कार्मिक विभाग की ओर से आज एक आदेश जारी किया गया है। एक जुलाई की तारीख वाले इस आदेश में स्पष्ट किया गया है कि अति पिछड़ा वर्गों को अन्य पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत 21 फीसदी आरक्षण का अधिकार है।

अति पिछड़ा वर्ग के तहत पांच जातियां (1) बंजारा/बालदिया/लबाना, (2) गाडिया लुहार/गदालिया (3) गुर्जर (गुजर), (4) राइका/रेबारी और (5) गाडरिया (गाडरी) हैं जिन्हें वर्ष 1994 से अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल किया गया था। शिक्षण संस्थानों में प्रवेश और सरकारी नौकरियों में भर्तियों के लिए जारी दो अलग अलग आदेशों में कहा गया है कि अति पिछडा वर्ग के अभ्यर्थी को सामान्य वर्ग में मेरिट के आधार पर प्रवेश अष्थवा नियुक्ति नहीं होने की स्थिति में, पहले तो अन्य पिछड़ा वर्ग में 21 फीसदी आरक्षण के तहत प्रवेश या नियुक्ति के लिए विचार किया जायेगा। उसके बाद इन अर्भ्यिथयों को अति पिछड़ा वर्ग के लिये निर्धारित एक प्रतिशत आरक्षण के लिये विचार किया जायेगा।

आदेश में कहा गया है ‘‘सरकार के ध्यान में यह बात आई है कि अति पिछड़ा वर्गों को केवल अति पिछड़ा वर्ग आरक्षण के लिए समझा जा रहा है और आरक्षण के लिए तय दिशानिर्देशों का समुचित पालन नहीं किया जा रहा है। राज्य सरकार ने गत 21 दिसम्बर 2017 को गुर्जरों को अति पिछड़ा वर्ग के तहत एक प्रतिशत आरक्षण देने की अधिसूचना जारी की थी।

गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जयपुर में सात जुलाई को होने जा रही बैठक का विरोध करने की चेतावनी दी थी। इसके बाद कल संसदीय कार्यमंत्री राजेन्द्र राठौड ने गुर्जर नेताओं के साथ एक बैठक में आश्वासन दिया था कि आरक्षण के स्पष्टीकरण संबंधी परिपत्र को शीघ्र जारी किया जाएगा। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रवक्ता हिम्मत सिंह ने कहा कि सरकार ने दो आदेश जारी किये हैं और हम उनसे संतुष्ट हैं। हमने प्रधानमंत्री की जयपुर यात्रा के विरोध की चेतावनी को वापस ले लिया है।

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