सेना ने संभाली गंगा की हिफाजत की जिम्मेदारी, बनाया ‘गंगा टास्क फोर्स’, इलाहाबाद, वाराणसी और कानपुर में होंगे तैनात
देश की सबसे पवित्र नदी माने जाने वाली गंगा की सुरक्षा और सफाई के लिए इंडियन आर्मी ने नई पहल शुरू की है। भारतीय सेना ने गंगा की सुरक्षा की जिम्मेदारी 532 पूर्व सैनिकों को सौंपने का फैसला लिया है। सेना ने ‘गंगा टास्क फोर्स’ नाम से 532 पूर्व सैनिकों की एक बटालियन तैयार की है, जिसे गंगा के कुछ घाटों पर तैनात किया जाएगा। इन सैनिकों की जिम्मेदारी होगी कि वह गंगा की सफाई की रक्षा करें और घाट पर लोगों को कचरा फेंकने से रोकें। इस फोर्स को इलाहाबाद, बनारस और कानपुर में स्थित गंगा घाटों पर तैनात किया जाएगा।
इंडियन आर्मी की यह फोर्स करीब तीन सालों तक इस मिशन पर काम करेगी। इन्हें इलाहाबाद में ट्रेनिंग भी दी जा चुकी है। गंगा की सफाई के अलावा इस टास्क फोर्स को मृदा अपरदन की समस्या के समाधान के लिए भी काम करना होगा। यह फोर्स गंगा घाट पर वृक्षारोपण भी करेगी। लोगों में वृक्षारोपण को लेकर जागरुकता फैलाएगी और कई तरह के कैंपेन भी चलाए जाएंगे। स्वच्छ गंगा राष्ट्रीय मिशन के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा का कहना है कि इस काम में पूर्व सैनिकों को शामिक करना बहुत ही महत्वपूर्ण फैसला है। उन्होंने कहा कि घाटों पर अगर जवान तैनात होंगे तो लोगों में अनुशासन बढ़ेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस टास्क फोर्स में सेना के 9 अधिकारी और 29 जेसीओ भी शामिल हैं।
बता दें कि गंगा की सफाई के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव 2014 से पहले कई वादे किए थे। सत्ता में आने के बाद उन्होंने ‘नमामि गंगे’ करके एक परियोजना भी शुरू की थी, लेकिन उस परियोजना से भी गंगा को कुछ खास फायदा नहीं हुआ। एक आरटीआई के जरिए खुलासा हुआ है कि सरकार ने गंगा की सफाई पर अब तक 3800 करोड़ रुपए खर्च कर दिए हैं, लेकिन कुछ घाटों को चमकाने के अलावा कुछ बड़ा काम नहीं हो सका है। आरटीआई याचिकाकर्ता एवं पर्यावरणविद् विक्रम तोगड़ कहते हैं, “आरटीआई के तहत यह ब्योरा मांगा गया था कि अब तक गंगा की कितनी सफाई हुई है, लेकिन सरकार इसका कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं करा पाई।