बीजेपी से अलग होने के बाद मुश्किल में महबूबा मुफ्ती, 3 पार्टी विधायकों ने खोला मोर्चा, किया पार्टी छोड़ने का ऐलान

बीजेपी के समर्थन वापसी से जम्मू-कश्मीर में सरकार गिरने के बाद महबूबा मुफ्ती और उनकी पार्टी के सामने एक और संकट खड़ा हुआ है। पीडीपी के तीन विधायकों ने महबूबा के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए पार्टी छोड़ने की बात कही है।

बीजेपी-पीडीपी गठबंधन सरकार में मंत्री रहे रजा अंसारी ने महबूबा मुफ्ती के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उन्हें अक्षम बताते हुए उन पर भाई-भतीजावाद को बढ़ावा देने का ठीकरा फोड़ा। एक दिन पहले ही इमरान रजा के चाचा और जदिबल विधानसभा क्षेत्र से विधायक आबिद अंसारी ने भी एक पब्लिक मीटिंग में पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा के खिलाफ यही आरोप लगाए। विधायक चाचा और भतीजे गुलमर्ग के विधायक मोहम्मद अब्बास का भी समर्थन मिला, जिन्होंने महबूबा और कुछ नेताओं पर पार्टी हाइजैक करने का आरोप लगाते हुए पार्टी छोड़ने की बात कही।

कश्मीर के प्रमुख शिया नेता और पांच विधानसभा सीटों पर प्रभाव रखने वाले रजा अंसारी ने कहा कि महबूबा की अक्षमता से पार्टी की व्यवस्था लचर हो रही है। महबूबा न सिर्फ पीडीपी बल्कि अपने पिता महबूबा मुफ्ती सैय्यद की उम्मीदों और सपनों को भी पूरा करने में नाकाम साबित हुई हैं।दिलचस्प बात है कि अंसारी ने बीजेपी को समर्थन देते हुए कहा है कि यह उसी का प्रयास था, जिसकी बदौलत राज्य में विकास गतिविधियों के लिए धन का बड़ा हिस्सा जारी हुआ।अंसारी ने महबूबा सरकार की तुलना पारिवारिक नाटक से की, जहां भाई, चाचा और चाची को अपनी भूमिका निभानी थी।महबूबा सरकार में पूर्व उच्च शिक्षा और आइटी मंत्री ने कहा कि वह अपमान के कारण पार्टी को छोड़ने का फैसला किए हैं। उन्होंने अपना संदेश पार्टी मुखिया महबूबा मुफ्ती तक पहुंचा दिया है।

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