कैलाश मानसरोवर से लौट रहे 1500 भारतीय भारी बर्फबारी के कारण नेपाल में फंसे, दो की हुई मौत
तिब्बत के कैलाश मानसरोवर की तीर्थयात्रा से लौट रहे 1500 भारतीय भारी बारिश और बर्फबारी के कारण नेपाल में फंस गए हैं। फंसे तीर्थयात्रियों में से दो की मृत्यु हो गई है, जिसमें एक श्रद्धालु आंध्र प्रदेश और दूसरी केरल की हैं। इस घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिंता जताई है। राहत और बचाव कार्यों के मद्देनजर उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय की बैठक बुलाई। इसके बाद विभिन्न एजंसियों को जरूरी निर्देश जारी किए गए। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया कि करीब 525 भारतीय श्रद्धालु नेपाल के हुमला जिले के सिमिकोट में, 550 हिलसा में और अन्य पांच सौ तिब्बत की तरफ ही फंसे हुए हैं।
भारतीय दूतावास के एक अधिकारी ने बताया, 250 से ज्यादा लोगों को निकाल कर हिलसा सिमिकोट लाया गया है। उनमें से 158 लोगों को सिमिकोट से नेपालगंज ले जाया गया है। नेपालगंज एक बड़ा शहर है और इसमें सभी आधुनिक सुविधाएं हैं। सड़क मार्ग के जरिए तीन घंटे में यहां से लखनऊ पहुंचा जा सकता है। नेपाल में भारत के कार्यकारी राजदूत बीके रेगमी के मुताबिक, 3600 फीट की ऊंचाई पर स्थित हिलसा में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने की कोशिश जारी है। इसके लिए नेपाल सरकार के 11 हेलिकॉप्टरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। कई प्राइवेट हेलिकॉप्टरों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, नेपाल के रास्ते होकर कैलाश मानसरोवर यात्रा रूट के नेपालगंज-सिमिकोट-हिलसा मार्ग के पास हालात पर लगातार निगरानी की जा रही है। मौसम खराब होने के चलते निकासी विमानों के परिचालन की संभावना बेहद कम है। नेपाल स्थित दूतावास ने नेपालगंज और सिमिकोट में अपने प्रतिनिधि तैनात किए हैं, जो फंसे हुए तीर्थयात्रियों के साथ व्यक्तिगत संपर्क में हैं। वे श्रद्धालुओं के लिए खाने और ठहरने के इंतजाम में जुटे हैं। हिलसा इलाके में इंतजाम के लिहाज से हालात खराब हैं। ऐसे में वहां से यात्रियों को निकालने की कवायद पर जोर दिया जा रहा है। वहां से तीर्थयात्रियों को जहां तक संभव हो तिब्बत की तरफ वापस भेजा जा रहा है, साथ ही उन्हें वहीं रोकने की कोशिश की जा रही है, क्योंकि नेपाल की तरफ चिकित्सीय और नागरिक सुविधाएं कम हैं। भारत ने भी फंसे हुए भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए नेपाल सरकार से सेना की हेलीकॉप्टर सेवाएं देने का आग्रह किया है।
जिन दो श्रद्धालुओं की मौत हुई है, उनमें आंध्र प्रदेश से यात्रा पर गए काकीनाडा के गरांधी सुब्बा राव की तिब्बत क्षेत्र में मृत्यु हुई। उनके शव को नेपालगंज लाया जा रहा है। शव को लखनऊ के रास्ते काकीनाडा पहुंचाया जाएगा। दूसरी श्रद्धालु केरल के मालाप्पुरम जिले के वांडुर किदानघाजी माना निवासी केएम सेतुमाधवन नंबूदरी की पत्नी लीला अंधाराजनम की काठमांडू से 423 किलोमीटर दूर सिमिकोट में ऊंचाई पर सांस में तकलीफ के कारण मौत हो गई। वे कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने वाले केरल के 40 श्रद्धालुओं के जत्थे में शामिल थीं।
प्रधानमंत्री मोदी ने चिंता जताई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय श्रद्धालुओं के नेपाल में फंसे होने पर चिंता जताई और अधिकारियों से उनकी हर संभव मदद करने को कहा। यात्री खराब मौसम के कारण फंसे हुए हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेपाल में फंसे यात्रियों को लेकर विदेश मंत्रालय और अन्य शीर्ष अधिकारियों के संपर्क में हैं। उन्होंने अधिकारियों को प्रभावित लोगों की हर संभव मदद करने को कहा है। नेपाल में भारतीय दूतावास वहां काम कर रहा है और तीर्थयात्रियों की मदद कर रहा है।
विदेश मंत्रालय तीर्थयात्रियों के संपर्क में : सुषमा
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बताया कि विदेश मंत्रालय ने फंसे तीर्थयात्रियों से संपर्क साध लिया है। उन्होंने बताया कि नेपाल स्थित भारतीय दूतावास ने नेपालगंज और सिमिकोट में प्रतिनिधि तैनात किए हैं। वे लोग तीर्थयात्रियों के संपर्क में हैं और उन्हें भोजन और आवास मुहैया करा रहे हैं। सिमिकोट में बुजुर्ग तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य जांच की गई है और सभी तरह की मेडिकल सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
हेल्पलाइन नंबर
विदेश मंत्रालय ने तीर्थयात्रियों और उनके परिवार के लिए तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम में हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं।
ये नंबर हैं: प्रणव गणेश (फर्स्ट सेक्रेटरी)- +977-9851107006, ताशी खंपा +977-98511550077, तरुण रहेदा +977 9851107021, राजेश झा +977 9818832398, योगानंद +977 9823672371 (कन्नड़), पिंडी नरेश +977 9808082292 (तेलुगु), आर मुरुगम +977 98085006 (तमिल), रंजीत +977 9808500644 (मलयालम)।