अयोध्या मामला : राममंदिर में पूजा का मौलिक अधिकार लागू करने की अर्जी, शीघ्र सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में विवादित स्थल पर पूजा का मौलिक अधिकार लागू करने की भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी की अर्जी पर शीघ्र सुनवाई से मंगलवार को इनकार कर दिया। अदालत ने स्वामी से कहा कि वे इसका बाद में उल्लेख करें। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ के खंडपीठ ने इस विवाद से संबंधित स्वामी की याचिका पर शीघ्र सुनवाई के लिए उनकी दलीलों पर विचार किया।

पीठ ने कहा, आप बाद में इसका उल्लेख कीजिए। इस पर स्वामी ने कहा कि बाद में शब्द बहुत ही व्यक्तिपरक है और वे 15 दिन बाद सुनवाई के लिए फिर इसका उल्लेख करेंगे। शीर्ष अदालत ने स्वामी की राम मंदिर में पूजा के उनके मौलिक अधिकार को जल्द से जल्द लागू करने की अर्जी पर भी शीघ्र सुनवाई से इनकार कर दिया। गौरतलब है कि प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एसए नजीर की विशेष खंडपीठ ने 14 मार्च को अयोध्या मामले में हस्तक्षेप की अनुमति देने से इनकार करके श्याम बेनेगल और तीस्ता सीतलवाड़ जैसे सामाजिक कार्यकर्ताओं की उम्मीदों पर पानी फेर दिया था।

पीठ ने स्वामी को भी मुख्य मामले में हस्तक्षेप की अनुमति नहीं दी थी। स्वामी की पहल पर ही अयोध्या विवाद के मामलों की सुनवाई तेजी से शुरू हुई थी। इलाहाबाद हाई कोर्ट के तीन सदस्यीय पीठ ने बहुमत के फैसले में अयोध्या में विवादित स्थल की भूमि सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला में बराबर-बराबर बांटने का आदेश दिया था।

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