गुजरात: कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए कुंवरजी बावलिया कुछ ही घंटों में बने मंत्री

गुजरात के सौराष्ट्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुंवरजी बावलिया ने मंगलवार (तीन जुलाई) सुबह कांग्रेस का दामन छोड़ दिया। पार्टी छोड़ने के चंद घंटों बाद ही वह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए, जिसके बाद शाम को उन्हें मुख्यमंत्री विजय रूपाणी वाली सरकार में मंत्री बना दिया गया। 63 वर्षीय बावलिया अखिल भारतीय कोली समाज के राष्ट्रीय प्रमुख, चार बार के विधायक और पूर्व सांसद हैं। बीजेपी का हिस्सा बनने के दौरान उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की जातिवाद की राजनीति से परेशान चल रहे थे। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकास नीति ने उन्हें प्रेरणा मिलती है, लिहाजा उन्होंने बीजेपी में आने का फैसला किया।

बावलिया का कांग्रेस छोड़ बीजेपी में जाना पहले से तय बताया जा रहा है। 24-25 जून को बीजेपी के चिंतन शिविर में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और सीएम रूपाणी ने बावलिया के साथ निर्णायक बैठक की थी। तय हुआ था कि रूपाणी की जैसे ही विदेश दौरे से वापस होगी, बावलिया को फौरन पार्टी में शामिल करा दिया जाएगा।

दिल्ली में बीते हफ्ते बावलिया कांग्रेस अध्यक्ष से भी मिले थे। कारण- गुजरात विधानसभा में नेता विपक्ष पद न मिलने से वह खफा चल रहे थे। कांग्रेसी नेता अमित चावड़ा ने उन पर मंत्री पद के लोभ मे पार्टी छोड़ने का आरोप लगाया है। कहा है, “बालविया ने लोगों के विश्वास को धोखा दिया है। जसदान उप चुनाव में लोग उन्हें हराकर इसका जवाब देंगे।”

उधर, वाघोडिया के बीजेपी विधायक मधु श्रीवास्तव ने इस सियासी घटनाक्रम पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा, “अगर हमें मंत्री नहीं बनाया गया तो हम हनुमान जी के मंदिर में बैठकर मजीरा बजाएंगे।” बयान के कुछ देर बाद विवाद खड़ा हुआ, जिस पर वह पलट गए। श्रीवास्तव ने सफाई में कहा, “मैंने कभी मंत्री पद नहीं मांगा। मैं बीजेपी में आए बावलिया की इज्जत करता हूं। मीडिया में हमारे बयान को तोड़-मरोड़ कर परोसा गया।”

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