खास शराब की बिक्री बढ़ाने को आर्मी कैंटीन के अधिकारियों को दी गई 10 करोड़ रुपये घूस

बीम ग्लोबल स्प्रिटस एंड वाइन (भारत), जिसे आमतौर पर बीम इंडिया के नाम से जाना जाता है। अमेरिका की सुरक्षा और प्रत्यर्पण कमिशन की रिपोर्ट ने बड़ा खुलासा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, बीम इंडिया ने सेना के कैंटीन स्टोर डिपार्टमेंट विभाग के अधिकारियों को करीब 10 करोड़ रुपये की रिश्वत दी है। ये पैसे सेना की कैंटीन में बीम इंडिया के लोकप्रिय विहस्की उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिए दिए गए थे। अमेरिकी कमिशन ने कंपनी पर भारत में अनियमितता से कारोबार करने के लिए 55 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।

बीम कंपनी शराब के मशहूर ब्रांड टीचर्स और जिम बीम का निर्माण करती है। कंपनी पर आरोप है कि उसने अपनी भारतीय कंपनी के ​जरिए साल 2006 से 2012 के बीच में छह बाजारों के विभिन्न भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दी है। जिसमें राष्ट्रीय राजधानी भी शामिल है। यूएस कमिशन ने खुलासा किया है कि ये अनैतिक पेमेंट कागजों में अन्य खर्चों जैसे ग्राहक समर्थन, व्यापार से इतर प्रचार और कमिशन के नाम पर छुपाने की कोशिश की गई थी। य​द्यपि इस रिपोर्ट में किसी भारतीय अधिकारी का नाम नहीं दिया है, जिसने पैसे लिए। लेकिन यूएस की रिपोर्ट मेेंं इस बात का जिक्र है कि सीएसडी के बड़े अधिकारियों ने इस मामले में पैसे खाए हैं। रिपोर्ट कहती है कि,”बीम इंडिया ने सीएसडी के अधिकारियों को करीब 15 लाख अमेरिकी डॉलर की रिश्वत दी है। जबकि सिर्फ दिल्ली में सरकार नियंत्रित रिटेल स्टोर और डिपो के अधिकारियों को 5.50 लाख डॉलर की रिश्वत दी गई है।

वैसे बता दें कि कैंटीन स्टोर डिपार्टमेंट की स्थापना साल 1948 में की गई थी। इसका उद्देश्य सशस्त्र सेनाओं के जवानों और उनके परिजनों को सस्ती दरों पर सामान मुहैया करवाना था। इस सामान पर सालाना करीब 17,500 करोड़ रुपये का खर्च आता है। इसमें सेवारत और रिटायर दोनों ही वर्ग और उनके परिवार आते हैं। अल्कोहल को अनुदानित कीमतों पर मुहैया करवाया जाता है। हालांकि इस संबंध में कई मामले ऐसे आ चुके हैं कि जिसमें अनुदानित अल्कोहल की बिक्री खुले सिविल बाजार में होते हुए पाई गई थी। विभाग पर भी लगातार भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हैं और कई जांचें अभी भी लंबित हैं।

अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने तमिलनाडु, अंडमान और निकोबार, ओडिशा और कर्नाटक में अनियमित गतिविधियां की हैं। ये अनैतिक पेमेंट, बीम इंडिया के प्रबंधन ने अपने संज्ञान, अधिकारों और मुश्किलों को समझते हुए भारतीय अधिकारियों को दी हैं। यूएस की जांच रिपोर्ट बताती है कि 12.34 लाख रुपये की रिश्वत भारतीय उत्पाद विभाग के अधिकारियाों को भी दी गई है। ये रकम साल 2011 में उस वक्त दी गई थी जब कंपनी भारत में अपना नया उत्पाद लांच करना चाहती थी। ये भी खुलासा हुआ है कि साल 2012 में कंपनी ने भारत के एक सेल्स जोन में अपने लेबल के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को बढ़वाने के लिए 17 लाख रुपये की रिश्वत दी थी। ये रिश्वत कंपनी के डिस्ट्रीब्यूटर के स्तर से अधिकारियों को दी गई थी। लेकिन ये रिश्वत किस भारतीय अधिकारी ने ली थी, ये अभी साफ नहीं है।

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