साक्षी महाराज ने फिर दिया विवादित बयान, बोले-जेल में डाल देना चाहिए प्रेमी जोड़ों को, तभी रुकेंगे बलात्कार
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद और फायरब्रांड नेता साक्षी महाराज एक बार फिर विवादों में हैं। उन्होंने कहा है कि कार और पार्कों में प्रेमी जोड़ों के अश्लील बर्ताव के कारण ही रेप जैसी घटनाएं होती हैं। साक्षी महाराज ने यह भी कहा कि लोग रेप होने के बाद पुलिस को दोष देते हैं। उन्होंने कहा कि एेसे जोड़ों पर पुलिस को सख्त से सख्त एक्शन लेना चाहिए। एक बयान में साक्षी महाराज ने कहा, जोड़े कार, पार्कों और अन्य सार्वजनिक जगहों पर अश्लील अंदाज में दिखाई देते हैं। हर कोई उन्हें नजरअंदाज कर देता है, लेकिन जब रेप हो जाता है तो पुलिस से एक्शन लेने को कहते हैं। इसलिए अच्छा है कि एेसे जोड़ों को जेल की सलाखों के पीछे डाल देना चाहिए।
साक्षी महाराज ने यह भी साफ किया कि उनका और 2 साध्वियों से बलात्कार के जुर्म में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम के बीच कोई संबंध नहीं है। इसेस पहले उन्होंने राम रहीम का बचाव करते हुए कहा था कि करोड़ों श्रद्धालु उन्हें भगवान मानते हैं। उन्होंने कहा, कुछ नेता चुनावों के दौरान वोट पाने के लिए स्वयंभू बाबाओं की मदद लेते हैं। बीजेपी की हरियाणा सरकार ने राम रहीम को जेल भेजा, जबकि पिछली सरकारों ने उसका समर्थन किया था। साक्षी महाराज ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने सूबे में अपराध को रोका है और बदमाशों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। रोहिंग्या मामले पर उन्होंने कहा कि उन्हें देश से बाहर निकाल देना चाहिए, क्योंकि उनके पास यहां रहने का कानूनी अधिकार नहीं है।
गौरतलब है कि साक्षी महाराज कई बार अपने विवादास्पद बयानों के कारण सुर्खियों में रह चुके हैं। एक बार उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को आदर्श पुरुष बता दिया था। वह अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर बेबाक बयान देते हैं। मई में वह अयोध्या के बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआई न्यायालय में पेश होने के लिए उन्नाव पहुंचे थे। यहां उन्होंने कहा था कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण को कोई रोक नहीं सकता। वह गिराए गए ढांचे को ‘बाबरी मस्जिद’ कहे जाने पर भड़क उठे थे। उन्होंने न्यायालय के बाहर मीडिया को फटकारते हुए कहा था, “बाबर का भारत से कोई लेना-देना नहीं था। बेकार में मीडिया बार-बार वहां की इमारत को बाबरी मस्जिद कह रही है। मीडिया को अब ‘बाबरी’ कहने से बचना चाहिए।”