लड़की की वजह से आतंकियों ने की औरंगजेब की हत्या? सेना की हिदायत- स्थानीय महिलाओं से दोस्ती न करें जवान

सेना में राइफलमैन औरंगजेब की आतंकियों ने पिछले दिनों हत्या कर दी थी।  घटना के पीछे एक लड़की से दोस्ती और कुछ नियम-कायदों के उल्लंघन की बातें सामने आ रहीं हैं। कई अफसरों ने इसकी पुष्टि की है कि अगर औरंगजेब ने सतर्कता बरती होती तो शायद जान न जाती।दक्षिण कश्मीर के शादीमर्ग में तैनात औरंगजेब जब ईद की छुट्टियों में घर जा रहे थे तो आतंकियों ने अपहरण के बाद हत्या कर दी थी।घटना 14 जून की है। औरंगजेब की तैनाती राष्ट्रीय राइफल्स में थी।घर जाने के लिए औरंगजेब ने प्राइवेट कार ली थी और ड्राइवर से शोपियां में उतारने को कहा था। मगर, रास्ते में आतंकियों ने कार को रोक लिया।उन्होंने औरंगजेब को बाहर खींच लिया। औरंगजेब को पुंछ स्थित घर जाना था। मगर घाटी छोड़ने से पहले औरंगजेब को एक स्थानीय महिला से भी मिलना था।

सेना के एक अधिकारी के मुताबिक वह एक महिला के संपर्क में आया था और दोनों एक दूसरे के संपर्क में कुछ समय से थे। सेना के एक अफसर ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि आतंकवादी औरंगजेब को पकड़ना चाहते थे, इसके लिए उन्होंने उसकी दोस्त महिला पर दबाव डालकर जानकारी हासिल की। आतंकियों को पता चला कि पुंछ जाने के लिए आर्मी कैंप छोड़ने के बाद राइफलमैन लड़की से मिलने आएगा। जब औरंगजेब लड़की से मिलने आया तो आतंकियों ने उसे पकड़ लिया।घाटी में सेना के जवानों को आतंकी उत्पीड़क के तौर पर दर्शाते हैं।
इस घटना के बाद सेना अब जवानों के लिए एहतियातन दिशा-निर्देश जारी कर रही है। जिसमें स्थानीय लड़कियों और महिलाओं से दोस्ती न करने की हिदायत दी जा रही। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि बाहर निकलते समय नियम-कायदों का उल्लंघन बिल्कुल न करें।एक अफसर ने कहा-हमारे जवानों के लिए शत्रुतापूर्ण भावना वाली आबादी के बीच सेवा करना आसान नहीं है लेकिन महिलाओं के साथ संपर्क पूरी तरह से गलत है।

बता दें कि नियम-कायदों के मुताबिक जवानों को प्राइवेट कार में यात्रा करने की मनाही है। घाटी पार करते समय उन्हें बुलेट प्रूफ गाड़ियां उपलब्ध कराई जाती हैं।एक अफसर के मुताबिक औरंगजेब के लिए बनीहाल पार करने के बाद ही प्राइवेट कार से यात्रा सुरक्षित होती। चूंकि उसे एक लड़की से मिलना था, इस नाते प्राइवेट कार से जाने का फैसला किया। यही मौत का कारण भी बना।दरअसल राष्ट्रीय राइफल्स के जवान इसलिए भी आतंकियों के निशाने पर रहते हैं, क्योंकि सेना की यह यूनिट कई आतंकियों के एनकाउंटर में आगे रही है।औरंगजेब के सिर में गोलियां मारने से पहले आतंकियों ने उसका वीडियो भी बनाया, जिसमें सेना में पोस्टिंग और ऑपरेशन से जुड़ी जानकारी ली। बहरहाल, इस घटना के बाद से सेना ने सभी यूनिट को भेजे दिशा-निर्देश में एसओपी के सख्ती से पालन का दिशा-निर्देश दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *