भारत के लिए बड़ा झटका- मलेशियाई पीएम ने कहा, जाकिर नाईक को नहीं भेजेंगे हिन्दुस्तान
जाकिर नाईक के प्रत्यर्पण की राह देख रही भारतीय एजेंसियों को मलेशिया से झटका लगा है। मलेशिया के प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने कहा है कि उनका देश जाकिर नाईको को भारत को नहीं सौंपेगा। भारत में आतंक से गुड़े गतिविधियों में इस्लामिक प्रचार जाकिर नाईक की जांच एजेंसियों को तलाश है। कुआलालंपुर में शुक्रवार (6 जुलाई) को मलेशिया के प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मेलिशया में जाकिर नाईक को स्थायी रेजिडेंसी दी गई है। पीएम महाथिर मोहम्मद ने कहा, “जब तक वह कोई दिक्कत पैदा नहीं कर रहा है, हमलोग उसे डिपोर्ट नहीं करेंगे क्योंकि उसे परमानेंट रेजिडेंसी स्टेट्स दिया गया है। इससे पहले 4 जुलाई को अफवाह उड़ी थी कि जाकिर नाईक को प्रत्यर्पित कर भारत लाया जा रहा है। लेकिन जाकिर नाईक ने तुरंत इस खबर का खंडन किया था।
आतंकवादी गतिविधियों के लिए युवाओं को उकसाने का आरोप झेल रहे जाकिर नाईक ने बुधवार (4 जुलाई) को कहा कि वह भारत तबतक नहीं आएगा, जब उसे निष्पक्ष सुनवाई का भरोसा नहीं दिया जाता है। इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के संस्थापक जाकिर ने बयान कहा, “मेरे भारत आने की खबर पूरी तरह आधारहीन और झूठी है। मैं जबतक अनुचित सुनवाई से खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करूंगा, तबतक मेरे भारत लौटने की कोई योजना नहीं है। जब मैं यह महसूस करूंगा कि सरकार उचित और निष्पक्ष है, मैं निश्चित ही अपने देश लौटूंगा।’ जाकिर नाईक टीवी पर इस्लााम की व्याख्या करता रहा है। 2016 में वह भारत से फरार होकर मुस्लिम बहुल देश मलेशिया चला गया था। मलेशिया में उसे स्थायी निवास दिया गया है।
बता दें कि भारत और मलेशिया के बीच प्रत्यर्पण संधि है। भारत ने इस साल जून में ही मलेशिया से 52 साल के नाईक के प्रत्यर्पण की अपील की थी। ऐसे में मलेशियाई पीएम का बयान भारतीय जांच एजेंसियों के लिए झटका माना जा रहा है। इस बीच भारत के विदेश मंत्रालय ने गुरूवार को कहा था कि जाकिर नाईक को भारत प्रत्यर्पित करने के भारत के अनुरोध पर मलेशियाई अधिकारी ‘सक्रिय रूप से विचार’ कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने दिल्ली में कहा, “हमने मलेशिया में रह रहे भारतीय नागरिक जाकिर नाईक को प्रत्यर्पित करने का औपचारिक आग्रह किया है। यह आग्रह हमने मलेशिया के साथ हमारी प्रत्यर्पण संधि के तहत किया है।” जाकिर नाईक नफरत फैलाने वाला भाषण देना, धनशोधन, आतंकी गतिविधि जैसे कई आरोप झेल रहा है।