ममता बनर्जी के मंत्री ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी को दी श्रद्धांजलि, वजह भी बताई

भारतीय जनसंघ के संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 117वीं जयंती पर न सिर्फ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता उन्हें याद कर रहे हैं, बल्कि बीजेपी की धुर-विरोधी कही जाने वाली पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार भी उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर रही है। डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई 1901 में तब के कलकत्ता के एक बंगाली परिवार में हुआ था। आजाादी की लड़ाई और देश के संविधान निर्माण में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के कारण राज्य सरकार तमाम गिले-शिकवे भुलाकर उन्हें याद कर रही है। पश्‍चिम बंगाल की ममता सरकार में सहकारिता मंत्री अरूप राय ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके उन्हें श्रद्धांजलि दी। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक अरूप रॉय ने कहा, ”राज्य सरकार हर वर्ष उनकी जयंती मनाती है। श्यामा प्रसाद मुखर्जी भारत के अच्छे नागरिक थे, जब मुखर्जी जीवित थे तब भाजपा का गठन नहीं हुआ था।”

इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2:09 मिनट का एक वीडियो ट्वीट कर श्याम प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धांजलि दी। पीएम ने ट्वीट में लिखा, ”डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर मैं उन्हें नमन करता हूं। उन्हें बेहतरीन शिक्षाविद्, अद्भुत प्रशासक और एक मजबूत शख्स के रूप में याद किया जाता है जो भारत की आजादी के साथ-साथ एकता के लिए भी लड़े।”

पीएम के ट्वीट में संलग्न वीडियो में उनके भाषण के उन अंशों को पिरोया गया है जिनमें उन्होंने श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बारे में बातें कही हैं। पीएम ने एक तस्वीर और ट्वीट की है जिसमें श्यामा प्रसाद मुखर्जी और बाबा साहेब अंबेडकर और साथ खड़े दिखाई देते हैं। पीएम ने लिखा कि दोनों मंत्री सहयोगी थे और भारत के विकास के लिए एक भविष्यवादी दृष्टि रखते थे।

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी मुखर्जी को याद किया। शाह ने ट्वीट में लिखा, ”डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने अपने विचारों और सिद्धांतों से देश की राजनीति में उच्च आदर्श स्थापित किये। उनका सम्पूर्ण जीवन देश की एकता और देशवासियों के कल्याण के लिए समर्पित रहा। आज अगर हम बिना परमिट के जम्मू-कश्मीर जा पाते हैं तो इसके पीछे डॉ. मुखर्जी जी का संघर्ष और बलिदान है।”

बता दें कि डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 21 अक्टूबर 1951 को दिल्ली में राजनैतिक दल भारतीय जनसंघ की स्थापना की थी, 1980 में जो भारतीय जनता पार्टी बन गया। तब जनसंघ का चुनाव चिन्ह दीपक हुआ करता था।

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