कभी लड़की की जान बचाने वाला और सरकार द्वारा सम्मानित दिव्यांग हुआ हत्या के मामले में गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सबसे व्यस्त इलाके 1090 चौराहे पर मिली 10 वर्षीय बच्चे की लाश के बाद पुलिस ने मामले की जांच करते हुए मोहम्मद कलाम नाम के एक दिव्यांग को गिरफ्तार कर लिया है। मंगलवार को इस चौराहे पर फव्वारे के चबूतरे पर 10 वर्षीय ऋतिक का शव मिला था, जिसके बाद से ही इलाके में तनाव पसरा हुआ है। अब पुलिस ने मामले की जांच करते हुए दिव्यांग कलाम को आरोपी बनाया है और उसकी गिरफ्तारी भी कर ली है। कलाम की गिरफ्तारी के बाद से ही सामाजिक संगठनों ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं। संगठनों का कहना है कि यह हत्या कलाम ने नहीं की है, बल्कि घटनास्थल में लगे सीसीटीवी फुटेज में जो व्यक्ति दिख रहा है वह कोई और ही है।
कलाम के ऊपर आरोप लगा है कि उसने मंगलवार (3 जुलाई) की रात मासूम ऋतिक का गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक हर रोज की तरह ही ऋतिक मंगलवार को भी 1090 चौराहे पर गुब्बारे बेचने गया था। काम होने के बाद वह रात में चौराहे के फव्वारे पर चबूतरे में सो गया था। उसके बाद किसी शख्स ने रात में टी-शर्ट से मासूम का गला घोंटकर उसे मौत के घाट उतार दिया।
पुलिस ने जानकारी दी कि घटना के दो दिन पहले ऋतिक और दिव्यांग कलाम के बीच बहस हुई थी। दिव्यांग कलाम 1090 चौराहे पर वसूली करता था। ऋतिक को गुब्बारा बेचता देख उसने उससे भी पैसे मांगे थे। कलाम ने कहा था कि पैसे देने के बाद ही वह वहां गुब्बारे बेच सकता है, लेकिन ऋतिक ने पैसे देने से मना कर दिया था, जिसके बाद कलाम ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी थी। पुलिस ने इस मामले में दिव्यांग के ऊपर हत्या का आरोप लगाते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का कहना है कि वारदात के बाद से ही कलाम का फोन स्विचऑफ जा रहा था और मंगलवार के बाद से ही उसे चौराहे पर नहीं देखा गया था, जबकि वह रोज ही उस इलाके में घूमता रहता था। कलाम के न दिखने पर उसे संदिग्ध आरोपी मानकर उसका फोन खंगाला गया, जो कि स्विच ऑफ जा रहा था। पुलिस तकरोही स्थित कलाम के घर भी गई जहां से वह फरार था। इसी बीच पुलिस को दिलकुशा क्रॉसिंग के पास कलाम की लोकेशन मिली, जिसके बाद गुरुवार की शाम उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
सीएम अखिलेश कर चुके हैं कलाम को सम्मानित
आपको बता दें कि दिव्यांग मोहम्मद कलाम ने साल 2016 में गोमती नदी में कूदने वाली एक लड़की की जान बचाई थी, जिसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कलाम को उसकी बहादुरी के लिए सम्मानित भी किया था।