मोदी सरकार की इंटरनल रिपोर्ट: देश के 5,000 गांवों तक अभी भी नहीं पहुंची बिजली
बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया था कि देश के हर गांव तक बिजली पहुंच चुकी है। लेकिन केन्द्रीय रुरल डेवलेपमेंट मिनिस्टरी की रिपोर्ट की मानें तो अभी भी देश में 5000 ऐसे गांव बचे हुए हैं, जहां बिजली नहीं पहुंची है। इस रिपोर्ट के अनुसार, लगभग हर राज्य में ऐसे गांव हैं, जिनमें अभी तक विद्युतीकरण नहीं हो सका है। रिपोर्ट में इसका कारण इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी और इस काम के जिम्मेदार लोगों की लापरवाही को बताया गया है।
रुरल डेवलेपमेंट मिनिस्टरी के अनुसार, इन गांवों में जल्द ही बिजली पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा ऐसे गांव हैं, जिनमें विद्युतीकरण होना अभी बाकी हैं, जिनकी संख्या 1044 है। इसके बाद ओडिशा और बिहार का नंबर है, जिनमें ऐसे गांवों की संख्या क्रमशः 666 और 533 गांव हैं। रुरल डेवलेपमेंट मंत्रालय ने गांवों को तीन कैटेगरी में बांटा है, जिन्हें बिजली के घंटों के आधार पर बांटा गया है। कैटेगरी के अनुसार, जिन गांवों में रोजाना 1-4 घंटे बिजली आती है, ऐसे गांवों की संख्या देश में 6586 है। 5-8 घंटे बिजली पाने वाले गांवों की संख्या 14672 है, वहीं 9-12 घंटे रोजाना बिजली पाने वाले गांवों की संख्या देश में 37168 है।
गौरतलब है कि बीते अप्रैल माह में पीएम मोदी ने ऐलान किया था कि मणिपुर राज्य के लेइसांग गांव में बिजली पहुंचने के साथ ही देश के सभी गांवों तक बिजली पहुंच गई है। सरकार ने दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत देश के सभी गांवों को बिजली से रोशन करने की शुरुआत की थी, लेकिन रुरल डेवलेपमेंट मिनिस्टरी के हालिया आंकड़ों से यह लक्ष्य अभी काफी दूर दिखाई दे रहा है। द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के अनुसार, सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ रुरल स्टडीज के विशेषज्ञ पल्लभ भट्टाचार्य का कहना है कि रुरल डेवलेपमेंट मिनिस्टरी ने भले ही गैर-विद्युतीकरण वाले गांवों की संख्या 5000 बतायी है, लेकिन यह संख्या हकीकत में काफी ज्यादा करीब 13000 गांवों तक भी हो सकती है!