पूर्वांचल के डॉन मुन्ना बजरंगी को जेल में एक अन्य कैदी ने सिर में 10 गोलिया मार कर दी हत्या

 

उत्तर प्रदेश से एक बड़ी खबर की सूचनाआ रही है। पूर्वांचल के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। मुन्ना बजरंगी की हत्या उत्तर प्रदेश के बागपत जेल के अंदर हुई है। मुन्ना बजरंगी को झांसी से बागपत जेल लाया गया था।  शुरुआती मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुन्ना बजरंगी की हत्या में सुनील राठी गैंग का हाथ है। सुनील राठी यूपी के साथ उत्तराखंड में सक्रिय है। सुनील की मां राजबाला छपरौली से बसपा से चुनाव लड़ चुकी है। मुन्ना बजरंगी के वकील के मुताबिक मुन्ना बजरंगी को 10 गोलियां सिर में मारी गई है इसके बाद पिस्तौल को गटर में फेंक दिया गया।  हालांकि, जेल में कैदी के पास पिस्तौल कैसे आई, यह बड़ा सवाल है। इस बीच खबर आई है कि पिस्तौल को गटर में डाला गया था। मुन्ना बजरंगी को पूर्वांचल के दूसरे माफिया डॉन मुख्तार अंसारी का दाहिना हाथ माना जाता है। मुन्ना बजरंगी का असली नाम प्रेम प्रकाश सिंह है। मुन्ना बजरंगी पर 20 लोगों की हत्या का आरोप है। घटना के बाद जेल की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। जिला प्रशासन जेल का मुआयना करने जा रहा है।

मुन्ना बजरंगी की हत्या के मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिये गये हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिये गये हैं, साथ ही जेलर उदय प्रताप सिंह, डिप्टी जेलर शिवाजी यादव, हेड वार्डन अरजिंदर सिंह, और वार्डन माधव कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है। सीएम ने कहा कि जेल परिसर के अंदर ऐसा वाकया होना गंभीर मामला है। उन्होंने कहा कि मामले की विस्तृत पड़ताल की जाएगी और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।  मुन्ना बजंरगी का नाम बीजेपी नेता कृष्णानंद राय की हत्या में सामने आया था। जेल में हुई इस हत्या के बाद यूपी के सियासी महकमे में हड़कंप मच गया है। मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने कुछ ही दिन पहले शक जताया था कि उनके पति की हत्या हो सकती है।

 

 

सीमा सिंह ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि यूपी की एसटीएफ और पुलिस के सीनियर ऑफिसर फर्जी एनकाउंटर में उनके पति को मारने की साजिश रच रहे हैं। सीमा सिंह ने बिना किसी का नाम लिये हुए कहा था कि उनके पति को जेल में ही मारने की कोशिश की जा चुकी है। सीमा सिंह ने इस बावत कोर्ट में यूपी के कुछ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ शिकायत भी की थी। आज (9 जुलाई) मुन्ना बजरंगी की बसपा के विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के आरोप में बागपत कोर्ट में पेशी होनी थी। इसी सिलसिले में उन्हें कल झांसी से बागपत जेल लाया गया था।

मुन्ना बजरंगी उर्फ डॉन प्रेम प्रकाश उत्तर प्रदेश के जौनपुर का रहने वाला है। 1995 में मुन्ना बजरंगी को एसटीएफ ने घेर लिया था। उसे गोली भी लगी, लेकिन वह बच गया। इस घटना के बाद मुन्ना बजरंगी ने पूर्वांचल के दूसरे माफिया डॉन मुख्तार अंसारी से हाथ मिला लिया। 2005 में मुन्ना बजरंगी पर मुहम्मदाबाद के बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या का आरोप लगा। इस घटना के बाद डॉन प्रेम प्रकाश अपराध की दुनिया का खूंखार शख्स बन गया। मुन्ना बजरंगी पर आरोह है कि इसने अपने नाम और खौफ का इस्तेमाल कर कोयला और स्क्रैप व्यपारियों से करोड़ों रुपये की रंगदारी वसूली। 2009 में मुन्ना बजरंगी ने यूपी पुलिस के सामने मुंबई में सरेंडर किया। इसके बाद इस शख्स ने अपनी राजनीतिक पारी शुरू की। 2012 के विधानसभा चुनाव में मुन्ना ने मडियाहू विधानसभा से किस्मत आजमाया। लेकिन वह हार गया। प्रेम प्रकाश उर्फ मुन्ना बजरंगी जौनपुर, सुल्तानपुर, तिहाड़, मिर्जापुर, झांसी और पीलीभीत जेल में भी बंद रह चुका है।

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