अगली लोकसभा में नहीं दिख सकते हैं सुषमा, उमा समेत 150 बीजेपी सांसद!

केंद्र की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अगले साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों में अपने 150 मौजूदा सांसदों का टिकट काट सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इनमें लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, केंद्रीय मंत्री उमा भारती, राधामोहन सिंह और पूर्व लोकसभा उपाध्यक्ष करिया मुंडा भी शामिल हैं। हालांकि, इन सभी का टिकट काटे जाने के अलग-अलग कारण हैं। कोई बीमारी तो कोई उम्र की वजह से टिकट से वंचित हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक सुषमा स्वराज का टिकट जहां बीमारी की वजह से कट सकता है वहीं लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह और केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री उमा भारती ने पहले ही एलान कर दिया है कि वो चुनाव लड़ना नहीं चाहते। अधिक उम्र वाले सांसदों का भी टिकट काटे जाने की चर्चा है। हालांकि, कुछ दिनों पहले यह खबर भी आई थी कि पार्टी इस बार 70 की उम्र पार कर चुके नेताओं को भी टिकट देगी ताकि पार्टी अधिक से अधिक सीटें जीत सके लेकिन अब इसके उलट चर्चा है कि अधिक उम्रदराज सांसदों का टिकट कट सकता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऐसे लोगों में पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री बीसी खंडूरी, लोकसभा के उपाध्यक्ष रहे करिया मुंडा, हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार के नाम शामिल हैं। जिन 150 सांसदों के टिकट काटे जाने की आशंका है उनमें से अधिकांश बड़े चेहरे बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से चुनकर आते हैं। बता दें कि सुमित्रा महाजन मध्य प्रदेश के इंदौर से, सुषमा स्वराज मध्य प्रदेश के विदिशा से, उमा भारती यूपी के झांसी से, राधामहन सिंह बिहार के पूर्वी चंपारण से, मुरली मनोहर जोशी यूपी के कानपुर से, करिया मुंडा झारखंड के खूंटी, शांता कुमार हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा, बीसी खंडूरी उत्तराखंड के गढ़वाल से फिलहाल सांसद हैं।

साल 2014 के लोकसभा चुनावों में प्रचंड जीत हासिल करने वाली बीजेपी के सांसदों की संख्या लगातार कम होती रही है। 2014 में जहां पार्टी के कुल 282 सांसद जीतकर लोकसभा पहुंचे थे, उनकी संख्या अब घटकर 272 रह गई है। पिछले कई उप चुनावों में बीजेपी की करारी हार हुई है। यूपी के दो उप चुनावों में बीजेपी को तीन लोकसभा सीटों (गोरखपुर, फूलपुर और कैराना) पर हार का सामना करना पड़ा है। राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में भी बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा है।

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