पीएमओ से आई कॉल पर बिफरे मल्लिकार्जुन खड़गे, विशेष न्‍योते के बिना बैठक में नहीं लेंगे हिस्‍सा

लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे इस महीने होने वाली लोकपाल चयन समिति की बैठक में हिस्‍सा नहीं लेंगे। वह पहले भी दो बार इस बैठक में शामिल होने से मना कर चुके हैं। दोनों बार वजह एक ही रही। खड़गे विशेष आमंत्रित सदस्‍य की तरह बैठक में हिस्‍सा नहीं लेना चाहते जिसमें स्‍थायी सदस्‍य की शक्तियां नहीं हैं। एक विशेष आमंत्रित सदस्‍य के रूप में, खड़गे वीटो या अपनी असहमति जाहिर नहीं कर सकेंगे। इस बार जिस तरह सरकार ने उनसे संपर्क साधा, उससे कांग्रेस पार्टी हैरान है।

खड़गे को आमंत्रित करने के लिए इस बार कोई लिखित पत्र नहीं भेजा गया। उनके कार्यालय को पीएमओ से यह पूछने के लिए फोन गया कि क्‍या खड़गे 19 जुलाई को बैठक के लिए उपलब्‍ध होंगे। कांग्रेस का कहना है सरकार केवल उन्‍हें आमंत्रित करने की औपचारिता पूरी करना चाहती है क्‍योंकि उसे सुप्रीम कोर्ट को जानकारी देनी है। शीर्ष अदालत ने लोकपाल की नियुक्ति की टाइमलाइन साझा करने के लिए सोमवार (2 जुलाई) को 10 दिनों की समय-सीमा तय की थी। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) को सुनवाई की अगली तारीख, 17 जुलाई से पहले अपना जवाब पेश करना है।

न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आर. भानुमति की पीठ ने विस्तृत जानकारी की यह मांग तब की, जब महान्यायवादी केके वेणुगोपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति अगले कदम के बारे में निर्णय लेने के लिए जल्द ही बैठक करेगी। अदालत ने कहा कि सक्षम अधिकारी को इस संबंध में एक हलफनामा दाखिल करना होगा कि लोकपाल की नियुक्ति के लिए कौन-से कदम उठाए जा रहे हैं और उसके पूरा होने में कितना समय लगेगा।

इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा पिछले सप्‍ताह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई थी। इस दौरान मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अपने सहयोगी के शब्‍दों को तत्‍काल सही किया। कॉमन सर्विस सेंटर्स के सीईओ, एचडीएफसी बैंक के साथ मिलकर पार्टनरशिप का ऐलान कर रहे थे। उन्‍होंने बैंक को ”आक्रामक” कहा जिसपर प्रसाद ने टोका, ”आक्रामक बैंक, आपका मतलब परफॉर्मिंग।” सीईओ ने जवाब दिया, ”अपने लक्ष्‍य हासिल करने में आक्रामक।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *