झारखंड में धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश में सात महिलाओं समेत कुल 16 धर्म प्रचारक हुए गिरफ्तार

झारखंड के आदिवासी बहुल इलाके में धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश का नया मामला सामने आया है। पुलिस ने इस ममाले में सात महिलाओं समेत कुल 16 धर्म प्रचारकों को गिरफ्तार किया है। इन सभी को पिछले साल अमल में आए धार्मिक स्वतंत्रता कानून के तहत पकड़ा गया है। ईसाई बनाने का प्रयास का यह मामला दुमका का है। पुलिस अधीक्षक किशोर कौशल ने बताया कि ग्राम प्रधान की शिकायत पर गिरफ्तार सभी लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। फुल पहाड़ी गांव के प्रधान रमेश मुर्मु ने शिकारीपारा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके मुताबिक, सभी आरोपी गुरुवार (5 जुलाई) शाम को पश्चिम बंगाल से एक बस से गांव में आए थे। मुर्मु का आरोप है कि गांव में पहुंचते ही प्रचारकों ने लाउडस्पीकर लगाकर ग्रामीणों से इकट्ठा होने की अपील करने लगे थे। वे लोग ईसाई धर्म के बारे में बात करते हुए लोगों से इसे अपनाने की भी अपील की थी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘प्रचारक आदिवासियों के धार्मिक स्थलों के बारे में अपमानजनक टिप्पणियां करनी शुरू कर दी थीं, जिससे ग्रामीण बेहद नाराज हो गए थे। उन्होंने प्रचारकों से इसे तत्काल बंद करने को कहा था, लेकिन प्रचारकों ने ग्रामीणों की बात नहीं मानी थी। इसके बाद गांव वालों ने सभी को पकड़ लिया और रातभर अपने कब्जे में रखा था। सुबह में पुलिस को इसकी सूचना दी गई थी। प्रचारकों के साथ मारपीट नहीं की गई थी।’

गांव में पहले भी आ चुके थे ईसाई प्रचारक: पुलिस अधीक्षक किशोर कौशल के मुताबिक, स्थानीय लोगों ने बताया कि ये ईसाई प्रचारक इससे पहले भी गांव में आ चुके थे और इसी तरह से लोगों से ईसाई धर्म अपनाने की अपील की थी। एसपी ने कहा, ‘ग्रामीणों ने प्रचारकों की गतिविधियों पर बेहद सख्त आपत्ति जताई थी, जिसके बाद वे लोग गांव से चले गए थे। ग्रामीणों का कहना है कि ये लोग दोबारा गांव में आए थे। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।’ उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों ने खुद का संबंध तमिलनाडु की एक संस्था से बताया है। पुलिस उनके इस दावे की भी छानबीन कर रही है। झारखंड पुलिस की मानें तो गिरफ्तार 16 में से 10 पश्चिम बंगाील के बीरभूम जिले के रहने वाले हैं। बाकी के छह प्रचारक दुमका और गोड्डा के निवासी बताए गए हैं। बता दें कि बस बीरभूम से आई थी, जिसकी सीमा शिकारीपारा से लगती है। पुलिस ने ईसाई प्रचारकों की लिखित सामग्री के अलावा एक पेन ड्राइव, ऑडियो सिस्टम और वाहन को जब्त कर लिया है। बता दें कि इससे पहले 1 जून को पश्चिमी सिंहभूम जिले की मनोहरपुर पुलिस ने कांग्रेस के स्थानीय नेता सुशील बरला और एक दर्जन अन्य लोगों के खिलाफ धार्मिक स्वतंत्रता कानून के तहत मामला दर्ज किया था।

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