बेंगलुरु: बेबसी से तंग आकर सफाई कर्मचारी ने दे दी जान, 7 महीने से नहीं मिला था वेतन

बेंगलुरु का सफाई कर्मचारी सुब्रमणि पिछले 15 सालों से सड़क पर झाड़ू लगाने का काम करता था, लेकिन बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) ने उसे पिछले सात महीनों से वेतन नहीं दिया था, जिसके कारण सुब्रमणि बेहद परेशान था। रोज-रोज की तंगी और बेबसी से परेशान होकर सुब्रमणि ने रविवार को आत्महत्या कर ली। सुब्रमणि 7 महीने तक भूख, गरीबी और तिरस्कार की जिंदगी जीता रहा। वह रोज अपने काम पर जाता था, लेकिन उसे महानगर पालिका ने सात महीनों से उसका वेतन नहीं दिया था, जिसके कारण उसके लिए अपने परिवार का पालन-पोषण करना मुश्किल होता जा रहा था। 32 वर्षीय सुब्रमणि के जाने के बाद अब उसकी पत्नी और दो बच्चे अकेले पड़ गए हैं।

पीड़ित से संबंध रखने वाले लोग बीबीएमपी के हेल्थ इंस्पेक्टर और असिस्टेंट एक्जिक्यूटिव इंजीनियर और सॉलिड मटेरियल मैनेजमेंट पर वेतन न देने का आरोप लगा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक सुब्रमणि ने आत्महत्या करने से पहले एक नोट भी लिखा था, जिसमें उसने कहा था कि उसके पास अपने परिवार को खिलाने और पालने के लिए पैसे नहीं हैं। वह बीबीएमपी के सामने वेतन जारी करने के लिए पिछले सात महीनों से गुहार लगा रहा था।

रिपोर्ट्स के मुताबिक सुब्रमणि ने जून में अपने बच्चों को भी स्कूल से निकाल लिया था, क्योंकि उसके पास फीस देने के पैसे नहीं थे। वह वार्ड नंबर 77 में काम करता था। रविवार को बेबसी से तंग आकर उसने जहर खा लिया। उसकी पत्नी उसे केसी जनरल अस्पताल लेकर आई, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। आपको बता दें कि वह अपने परिवार के साथ मुनेश्वर नगर में रहता था, लेकिन उसने अपने पिता के घर विनायक सर्कल में सुसाइड किया। पुलिस का कहना है, ‘उसे पिछले करीब 7 महीनों से वेतन नहीं मिला था और वह बहुत ज्यादा परेशान था। उसे पैसों की समस्या थी। उसकी पत्नी ने पुलिस में शिकायत करते हुए कहा कि वेतन न मिलने के कारण ही उसके पति ने आत्महत्या की। हम हर तरह से इस मामले की जांच कर रहे हैं।’ वहीं बीबीएमपी वर्कर्स का यूनियन इस मामले में सामने आया है और सुब्रमणि का पक्ष रख रहा है। यूनियन ने बीबीएमपी के अधिकारियों को गिरफ्तार करने की भी मांग रखी है।

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