यूपी: मंदिर में अनुष्‍ठान के दौरान दूसरे समुदाय ने असलहे लहराए, इलाके में तनाव

उत्तर प्रदेश में बांदा शहर के मर्दन नाका मुहल्ले में स्थित हरदौल मंदिर में रविवार की मध्यरात्रि में धार्मिक आयोजन के दौरान एक समुदाय विशेष के कुछ अराजक तत्वों द्वारा असलहा लहराए जाने और श्रद्धालुओं से अभद्रता किए जाने से तनाव की स्थिति बन गई। बाद में एसपी ने मंदिर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया। पुलिस उपाधीक्षक (नगर) राघवेंद्र सिंह ने सोमवार को बताया कि रविवार की रात करीब 11 बजे हरदौल मंदिर में एक सैकड़ा श्रद्धालु धार्मिक अनुष्ठान कर रहे थे, इसी बीच दूसरे समुदाय के कुछ अराजक तत्व असलहा लेकर लहराने लगे और श्रद्धालुओं से अभद्रता की, जिससे वहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया। कुछ श्रद्धालुओं ने पुलिस अधिकारियों को इस हरकत की सूचना दी, लेकिन पुलिस के पहुंचने से पूर्व अराजक तत्व वहां से फरार हो गए। उन्होंने बताया कि “अराजक तत्वों की पहचान कर ली गई है और उनकी तलाश की जा रही है। सीओ ने बताया कि एसपी ने निर्देश पर मंदिर परिसर में भारी पुलिस बल तैनात कर कर दिया गया है, अब शांति व्यवस्था कायम है।

गौरतलब है कि बांदा से कुछ दिन पहले ही आई थी कि बीते बीस वर्षों से अवैध असलहों का निर्माण कर विभिन्न जनपदों में सप्लाई करने वाले चार शातिरों को गिरफ्तार कर खखरेरू पुलिस ने असलहा फैक्ट्री का भंड़ाफोड़ करते उनके कब्जे से भारी मात्रा में असलहे व असलहा बनाने के उपकरण बरामद कर सभी शातिरों को जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया। 

पुलिस अधीक्षक राहुल राज ने बताया था कि यमुना कटरी क्षेत्र के गांव में मुखबिर द्वारा सूचना मिली थी कि अवैध असलहा फैक्ट्री का संचालन किया जा रहा है। जिसके लिए उनके द्वारा थानाध्यक्ष खखरेरू सच्चिदानंद त्रिपाठी को गिरोह का खुलासा करने के लिए निर्देशित किया गया था। थानाध्यक्ष ने मुखबिर की सूचना पर बीती रात खखरेरू थाना क्षेत्र के ग्राम पौली के पूर्व जल निगम के पानी के टंकी कैम्पस में अवैध शस्त्रों को बनाते हुए जुल्फिकार अली उर्फ भुट्टो, राजू पंडित उर्फ उमेश दुबे निवासी पाई थाना खागा, राजू प्रजापति निवासी पौली थाना खखरेरू, अजीज अख्तर उर्फ फुनूनू निवासी पौली को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से दस अवैध असलहे व असलहे बनाने के उपकरण भारी मात्रा में बरामद किए गए हैं।

पुलिस अधीक्षक राहुल राज ने बताया कि पकड़े गए शातिर पिछले 15 व 20 वर्षों से अवैध असलहा फैक्ट्री का संचालन अलग-अलग स्थानों में करते थे, जिनके खिलाफ दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं। उन्होंने बताया कि असलहों की सप्लाई जनपद के अलावा कानपुर, रायबरेली, बांदा, कौशाम्बी और चित्रकूट में करते थे। पकड़े गए सभी अभियुक्तों को विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल की सलाखों के पीछे भेजा जा रहा है। असलहा फैक्ट्री का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को पुलिस अधीक्षक ने पांच हजार रुपये का इनाम देकर उत्साह बढ़ाया।

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