काफिला गुजारने के लिए रुकवा दी गई एंबुलेंस, निशाने पर मुख्यमंत्री
उडि़सा की राजधानी भुवनेश्वर में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का काफिला गुजरने को लेकर एक एंबुलेंस को रोक दया गया। इसे लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई। विपक्षी कांग्रेस और भाजपा ने सोमवार को इस बात को लेकर नवीन पटनायक पर जमकर हमला बोला। वहीं, सत्ताधारी दल बीजू जनता दल और पुलिस कमीश्नर ने इस घटना पर खेद व्यक्त किया है। एक निजी चैनल पर दिखाया गया कि फॉरेस्ट पार्क और एजी स्कॉयर के बीच मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के कॉरकेड को पास करने के लिए कई वाहन को रोक कर रखा गया है। इन वाहनों के बीच एक एंबुलेंस भी फंसा हुआ है। राज्य के आपाकालीन एंबुलेंस सेवा 108 के वाहन में एक मां अपने बच्चे के साथ कैपिटल हॉस्पीटल जा रही थी, जो जाम की वजह से फंसी हुई थी। इस समय नवीन पटनायक अपने आवास से राज्य सचिवालय जाने वाले थे।
इस बाबत ओडि़सा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष निरंजन पाटनिक ने सीएम नवीन पर निशाना साधते हुए कहा कि साहब का सामंती मानसिकता साफ तौर पर दिख रहा है। क्या मुख्यमंत्री की सेवा एक जनता की जिंदगी से ज्यादा कीमती है। इस वीवीआइपी कल्चर को समाप्त करना चाहिए। किसी की जिंदगी से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं है। मीडिया से बात करते हुए निरंजन ने कहा कि यह दुखद है कि इंसान की जिंदगी को अहमीयत नहीं दी गई और एंबुलेंस को रोक दिया गया। यह उनके मानवता पर प्रश्न खड़ा करता है।
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष समीर माेहंती ने भी कहा कि सीएम नीवीन को उन अफसरो के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, जिन्होंने एक मरीज की जिंदगी को खतरे में डाल दी। यह वाक्या उस उदंडता को प्रदर्शित करता है, जो बीजद की पहचान बन चुकी है, क्योंकि यह 18 वर्षों से अधिक समय से सत्ता में है। यदि मुख्यमंत्री ऐसा नहीं चाहते तो उन्हें दोषी अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।
इस पूरे घटनाक्रम पर बीजद के प्रवक्ता सस्मीत पात्रा ने कहा कि यदि सच में ऐसा हुआ है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। हम इसके लिए क्षमाप्रार्थी हैं। सरकार आम आदमी की समस्या को समझती है। भविष्य में ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम में सुधार किया जायेगा। वहीं, भुवनेश्वर के डीसीपी अनुप साहू ने भी ट्वीट कर स्वीकार किया कि एक एंबुलेंस को रोका गया था, लेकिन ट्रैफिक पुलिस ने उसे हॉस्पीटल पहुंचने में मदद की।