मुन्ना बजरंगी की हत्या पर बोला सुनील राठी-उसने मुझे मोटा कहा, बहस हुई तो उसी की माउजर उस पर कर दी खाली
बागपत जेल में कुख्यात गैंगस्टर मुन्ना बजरंगी की हत्या मामले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। मुन्ना बजरंगी की हत्या करने के आरोपी सुनील राठी ने पूछताछ में पुलिस को महत्वपूर्ण जानकारी दी है। राठी ने बताया कि गैंगस्टर ने उसके शारीरिक डील-डौल को लेकर टिप्पणी की थी, जिससे वह बेहद नाराज था। उसके मुताबिक मॉर्निंग वॉक के दौरान मुन्ना बरंगी से उसकी मुलाकात हुई थी। पूछताछ में सुनील राठी ने पुलिस से कहा, ‘उसने (मुन्ना बजरंगी) मुझसे कहा था कि मैं बहुत ज्यादा मोटा दिखता हूं। मुझे उसकी यह बात पसंद नहीं आई थी और मैंने उसे खुद अपनी स्थिति सुधारने की नसीहत दे डाली थी। इसके बाद हमारी बहस हो गई थी। इस दौरान उसने मुझपर माउजर तान दिया था। मैंने उससे माउजर छीनते हुए उसे जोर से धक्का दे दिया था। वह जैसे ही गिरा मैंने उसके माउजर की सारी गोलियां उसी पर खाली कर दीं।’
जांच अधिकारियों को भरोसा नहीं: हालांकि, जांच अधिकारियों को राठी के इस बयान पर भरोसा नहीं है। ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ के अनुसार, अधिकारियों ने बताया कि जिस वक्त मुन्ना बजरंगी की हत्या की गई थी, उस वक्त वह शॉर्ट्स और बनियान में था, ऐसे में पिस्टल लेकर चलने की बात संभव नहीं लगती है। हाई प्रोफाइल मामले की जांच की निगरानी करने वाले एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बागपत जेल में सुनील राठी का प्रभाव मुन्ना बजरंगी से कहीं ज्यादा था, क्योंकि राठी इसी इलाके का रहने वाला है। इस अधिकारी ने प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से बताया कि राठी ने बिना किसी उकसावे के पहले गोली चलाई थी। अधिकारी ने कहा, ‘सुनील राठी को पहले ही हत्या के मामले में दोषी करार दिया जा चुका है। उसने सारी गोलियां मुन्ना बजरंगी के सिर में मारी थी, ताकि वह किसी भी हालत में बच न सके। ऐसा लगता है कि राठी इस बात की ताक में था कि बजरंगी कब बागपत जेल आता है। हत्या की घटना को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया।’
बता दें कि मुन्ना बजरंगी की 9 जुलाई को बागपत जेल में हत्या कर दी गई थी। गैंगस्टर के शव को बागपत से उसके पैतृक घर जौनपुर लाया गया था, जहां से अंतिम संस्कार के लिए उसके शव को वाराणसी ले जाया गया। मणिकर्णिका घाट पर उसका अंतिम संस्कार किया गया। मुन्ना बजरंगी को उसके बेटे समीर सिंह ने मुखाग्नि दी। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। लोगों के हुजूम को देखते हुए सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई थी, ताकि किसी तरह की अप्रिय घटना न हो।