अयोध्या में पहली बार सरयू के तट पर 5 लाख बार क़ुरान के पाठ का RSS कर रहा आयोजन

अयोध्या के इतिहास में पहली बार सरयू नदी के तट पर विशाल नमाज के साथ ही कुरआन के पाठ का सत्र भी आयोजित किया जाएगा। ये आयोजन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उसकी मुस्लिम शाखा राष्ट्रीय मुस्लिम मंच 12 जुलाई को आयोजित करने जा रहा है। इस कार्यक्रम में करीब 1500 मुस्लिम धर्मानुयायी और कई अन्य हिंदू श्रद्धालु भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।

मुस्लिम धर्मानुयायी करीब 200 सूफी संतों की मजार पर भी सजदा करने जाएंगे। सभी मुस्लिम धर्मानुयायी पहले वज़ू करेंगे और इसके बाद नमाज़ अदा करेंगे। इसके बाद क़ुरआन खानी का भी आयोजन होगा और पवित्र कुरआन की आयतों का सरयू नदी के तट पर राम की पैड़ी घाट पर करीब 5 लाख बार पाठ किया जाएगा। ये आयोजन शांति और भाईचारे का संदेश देने के लिए आयोजित किया जा रहा है। ये भी माना जा रहा है कि इससे आरएसएस की मुस्लिम विरोधी छवि को समाप्त करने में मदद मिलेगी।

मुस्लिम विरोधी नहीं है आरएसएस: राष्ट्रीय मुस्लिम मंच की नेता शबाना आज़मी ने कहा,”ये गलत धारणा है कि अयोध्या के मुस्लिमों को यहां उनके धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन करने से रोका जाता है। दूसरी गलत धारणा ये है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मुस्लिमों का विरोधी है। ये आयोजन पूरी दुनिया को संदेश देने के लिए है कि अयोध्या हिंदू और मुस्लिम दोनों ही धर्म के मानने वालों का है। आरएसएस मुस्लिमों का सच्चा मित्र है। हिंदुओं और मुस्लिमों का डीएनए अलग नहीं बल्कि एक है।”

दिलों से दूर होगी कड़वाहट: मीडिया से बात करते हुए राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के संयोजक महिरध्वज ने कहा,”1500 से ज्यादा मुस्लिम धर्मानुयायी हिंदू और मुस्लिमों के बीच सांप्रदायिक सद्भाव और शांति के लिए प्रार्थना करेंगे। इस आयोजन से राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद से उपजी कड़वाहट को भी दूर करने में मदद मिलेगी।” इस आयोजन को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार का भी सहयोग मिल रहा है। सीएम योगी के कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण और आरएसएस के नेता मुरारी दास इस मौके पर मुख्य अतिथि होंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *