Video: गुजरात में दो गांवों को जोड़ने वाला पुल महीनों से है टूटा, जान पर खेल स्कूल जाते हैं बच्चे

जरात के खेड़ा जिले के कुछ गांवों में रहने वाले लोगों के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान जाना एक बुरे सपने जैसा हो गया है। लोगों को अपनी जान हथेली पर रखकर निकलना पड़ता है। हम बात कर रहे हैं नाइका और भेरई गांव के लोगों की। यहां इन दोनों गांवों को जोड़ने वाला पुल टूट गया है, जिसके कारण लोग खंबों पर लटककर किसी तरह एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं। केवल बड़े लोग ही नहीं बल्कि स्कूल के बच्चे भी ऐसा करने के लिए मजबूर हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक नाइका और भेरई गांव के बीच का पुल पिछले दो महीनों से टूटा हुआ है। पुल टूटने के कारण अब बच्चे भी अपनी जान दाव पर लगाकर किसी तरह खंबे पर लटककर स्कूल जाने के लिए मजबूर हैं। एजेंसी द्वारा एक वीडियो भी जारी किया गया है, जिसमें दो बच्चे टूटा हुआ पुल पार करते दिख रहे हैं। वीडियो में दिख रहा है कि बच्चों को पुल पार कराने में करीब पांच लोग मदद कर रहे हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक नाइका और भेरई गांव के बीच का पुल पिछले दो महीनों से टूटा हुआ है। पुल टूटने के कारण अब बच्चे भी अपनी जान दाव पर लगाकर किसी तरह खंबे पर लटककर स्कूल जाने के लिए मजबूर हैं। एजेंसी द्वारा एक वीडियो भी जारी किया गया है, जिसमें दो बच्चे टूटा हुआ पुल पार करते दिख रहे हैं। वीडियो में दिख रहा है कि बच्चों को पुल पार कराने में करीब पांच लोग मदद कर रहे हैं।
#WATCH: School children crossing a bridge between Naika & Bherai village of Kheda district. The bridge broke down 2 months ago. #Gujarat pic.twitter.com/7ToM5W783I
— ANI (@ANI) July 11, 2018
रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों गांवों के स्थानीय निवासी पुल टूटने की शिकायत प्रशासन से कई बार कर चुके हैं, लेकिन किसी तरह का कोई एक्शन नहीं लिया गया। एक स्थानीय निवासी ने बताया कि अगर टूटे हुए पुल का इस्तेमाल नहीं किया गया तो उन्हें 1 किलोमीटर की जगह 10 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ जाएगा। दोनों गांव के लोगों के लिए यह पुल काफी महत्वपूर्ण था। वहीं इस मामले में जिले के कलेक्टर आईके पटेल का कहना है कि पुल की मरम्मत का काम बहुत जल्द शुरू किया जाएगा। पटेल ने कहा, ‘मरम्मत का काम जल्द ही फिर से शुरू किया जाएगा। बारिश के कारण इसे कुछ दिनों के लिए रोका गया है।’ टूटे हुए पुल को पार करते हुए स्कूल के बच्चों का वीडियो देखने के बाद से ही सोशल मीडिया पर लोग प्रशासन की आलोचना कर रहे हैं।