J&K: विधायकों से वापस ली जा रही सुरक्षा, बीजेपी नेता बोले- अलगाववादियों को सिक्युरिटी तो हमें क्यों नहीं

जम्मू कश्मीर में पीडीपी-भाजपा सरकार गिरने के बाद अब विधायकों और नेताओं को दी गई सुरक्षा वापस लेने की तैयारी की जा रही है। टाइम्स नाउ की एक खबर के अनुसार, जम्मू कश्मीर के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस ने सभी जिलों के एसएसपी को पत्र जारी कर विधायकों और एमएलसी नेताओं की सुरक्षा की समीक्षा करने का आदेश दिया है। इसके पीछे तर्क दिया गया है कि जम्मू कश्मीर में अब राज्यपाल शासन लागू है और अब कोई मंत्री नहीं है और ना ही कोई विधानसभा या विधान परिषद् है। ऐसे में नेता सिक्योरिटी का दावा नहीं कर सकते हैं। वहीं इस आदेश पर नेताओं ने कड़ी आपत्ति जतायी है और इस मामले को केन्द्र सरकार के सामने उठाने का फैसला किया है।

जम्मू कश्मीर के पूर्व डिप्टी सीएम कविंद्र गुप्ता का सिक्योरिटी की समीक्षा के आदेश पर कहना है कि “जब अलगाववादियों को सुरक्षा मिल रही है ऐसे में राजनैतिक लोगों की, जो अभी जीते हैं, उनकी सुरक्षा की समीक्षा किए जाने का फैसला बिल्कुल गलत है।” कविंद्र गुप्ता ने सुरक्षा हटाने के फैसले के पीछे किसी साजिश की भी आशंका जाहिर की है। यही वजह है कि नेताओं ने इस मुद्दे को गृह मंत्री राजनाथ सिंह के सामने उठाने का फैसला किया है, ताकि सुरक्षा समीक्षा के फैसले पर पुनर्विचार किया जा सके। कविंद्र गुप्ता ने यह भी कहा कि वह गृह मंत्री से यह भी मांग करेंगे कि सभी नेताओं और अलगाववादियों को कितनी सुरक्षा दी गई है, उसका सार्वजनिक तौर पर खुलासा किया जाए।

भाजपा नेताओं का कहना है कि यदि विधायकों और एमएलसी की सुरक्षा की समीक्षा की जा रही है तो फिर अलगाववादियों समेत सभी नेताओं की सुरक्षा की समीक्षा होनी चाहिए। इसके साथ ही भाजपा नेताओं ने कई लोगों को सिर्फ स्टेटस सिंबल के लिए सुरक्षा देने का भी आरोप लगाया और इन सभी की सुरक्षा की समीक्षा करने की मांग की है।

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