ईरान में चौराहे पर शख्स को फांसी पर लटकाया, नाबालिग से दुष्कर्म और हत्या का था दोषी
ईरान में एक शख्स को नाबालिग बच्ची (7) से बलात्कार और हत्या का दोषी साबित होने पर सार्वजनिक रूप से फांसी दी गई है। नाबालिग से दुष्कर्म की खबर पूरे ईरान में आग की तरह फैली और देशभर में जनता ने इसके खिलाफ रोष जाहिर किया था। दोषी इस्माइल जाफरजेदाह को बीते बुधवार (20 सितंबर) को आर्डेबिल प्रांत के परसाबाद चौक पर फांसी दी गई। फांसी की पूरी प्रकिया का लाइव प्रसारण स्टेट ब्रोडकास्टिंग मीडिया पर किया गया। खबर है कि अपने पिता के साथ घर से बाहर निकली बच्ची बीती 19 जून (2017) को लापता हो गई थी। बच्ची के पिता वेंडर हैं। रिपोर्ट के अनुसार जाफरजेदाह ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था। बच्ची का शव दोषी के ही गैराज में मिला था। बाद में मुल्क के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने मामले में दखल दिया और तेजी से एक्शन लेने के आदेश दिए। पूरी घटना की जांच पड़ताल एक सप्ताह में कर ली गई और अगस्त में जाफरजेदाह मामले में सुनवाई हुई। कोर्ट के समक्ष आरोपी दोषी साबित हुआ। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उसे मौत की सजा सुनाई। एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार इस्माइल जाफरजेदाह को 20 सितंबर को सार्वजनिक रूप से मौत की सजा दी गई।
पब्लिक प्रोसेक्यूटर अब्दुल्लाह तबाताबाई ने बताया कि जाफरजेदाह ने करीब दो साल पहले एक महिला की हत्या करने की भी बात कबूली थी। महिला का शव अभी तक खोजा नहीं जा सका है। एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार ईरान दुनिया के उन पांच देशों में शामिल हैं जहां सबसे ज्यादा फांसी की सजा दी गई। ये आंकड़े साल 2016 के हैं। जिन लोगों को फांसी दी गई उनमें हत्या, दुष्कर्म सहित ड्रग्स की तस्करी जैसे मामले शामिल थे। वहीं एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार साल 2015 में ईरान में 977 लोगों को फांसी की सजा दी गई। इनमें भी ज्यादातर ऐसे ही अपराधों में शामिल थे। रिपोर्ट के अनुसार फांसी देने के मामले में ईरान अब सऊदी अरब और पाकिस्तान से भी आगे है। गौरतलब है कि ईरान में इससे पहले जून में एक शख्स (21) को मौत की सजा दी थी। शख्स दर्जनों महिलाओं से दुष्कर्म मामले में दोषी साबित हुआ था।