हजारीबाग के एक घर में मिली परिवार के छह सदस्यों की लाश, दिल्ली के बुराड़ी कांड की आई याद

दिल्ली में बुराड़ी कांड की गुत्थी अभी पूरी तरह सुलझी ही नहीं थी कि झारखंड के हजारीबाग से भी इसी तरह की घटना सामने आई है. शनिवार की देर रात कर्ज में डूबे एक ही परिवार के छह सदस्यों की मौत से पूरा शहर सन्न है. पुलिस को घर के अंदर से एक सुसाइड नोट भी मिला है. हालांकि यह सुसाइड नोट भी अपने आप में विचित्र है.

पुलिस के मुताबिक, हजारीबाग के खजांची तालाबा के नजदीक सीडीएम अपार्टमेंट के एक फ्लैट में परिवार रहता था. जानकारी के मुताबिक, सभी सदस्यों ने खुदकुशी नहीं की है. तीन सदस्यों की हत्या की गई, जबकि तीन सदस्यों ने सुसाइड कर लिया.

पुलिस ने मृतकों की पहचान नरेश अग्रवाल, महावीर माहेश्वरी, किरण अग्रवाल, प्रीति अग्रवाल, अन्वी अग्रवाल और अमन अग्रवाल के रूप में की है. शुरुआती जांच में मौत की वजह कर्ज को बताया गया है. लेकिन हत्या की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा रहा है.

बताया जा रहा है कि परिवार के छह लोगों में दो लोगों ने फांसी लगाकर जान दी. एक बच्चे की धारदार हथियार से हत्या की गई है, जबकि एक बच्ची को जहर देकर मारा गया. एक महिला की गला दबाकर हत्या की गई है. ऐसा लगता है कि परिवार के पांच लोगों की मौत के बाद सबसे अंत में नरेश अग्रवाल ने छत से कूदकर जान दे दी.

पुलिस को अपार्टमेंट के कमरे से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है. यह सुसाइड नोट एक ब्राउन लिफाफे पर गणित के किसी सूत्र की तरह लिखा हुआ है. सुसाइड नोट लिखने वाले ने मौत की शुरुआती वजह ‘कर्ज’ और आखिरी वजह कर्ज न चुका पाने की वजह से उपजे ‘तनाव’ को बताया है. सुसाइड नोट में ऊपर लाल स्याही से अलग से एक नोट भी लिखा गया है.

ब्राउन लिफाफे पर लाल स्याही से लिखा है ‘अमन को लटका नहीं सकते थे. इसलिए उसकी हत्या की गयी.’ इसके नीचे नीली स्याही से मोटे अक्षरों में सुसाइड नोट लिखा है. और उसके नीचे लिखा है, ‘बीमारी + दुकान बंद + दुकानदारों का बकाया न देना + बदनामी + कर्ज = तनाव (Tension) = मौत’.

हजारीबाग के DSP चंदन वत्स ने बताया कि अपार्टमेंट से तीन सुसाइड नोट मिले हैं. एक पॉवर ऑफ एटॉर्नी भी मिली है. सुसाइड नोट में लिखा है कि बेट अमन को फांसी के फंदे से नहीं लटका सके तो उसे छत से धक्का देकर नीचे फेंक दिया. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

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