मायावती बोलीं- अविश्वास प्रस्ताव से बचने के लिए मोदी बना रहे ऐसी रणनीति
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने लंबित परियोजनाओं को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पिछली सरकारों पर की गई टिप्पणी को लेकर उन पर निशाना साधा है। मायावती ने कहा कि परियोजनाओं के ’’अटके, लटके व भटके’’ रहने की बात कहते हुए सरकारों की आलोचना करते समय प्रधानमंत्री को थोड़ी ईमानदारी का सबूत देना चाहिए। इस मामले में भाजपा की भी कांग्रेस से कम भूमिका नहीं है। केंद्र के अलावा कई राज्यों में भाजपा की सरकारें लंबे समय तक रही हैं। मायावती ने एक बयान जारी कर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आजमगढ़ और मिर्जापुर में शनिवार और रविवार को दिए गए भाषण को चुनावी जुगाड़ों वाला भ्रामक भाषण करार दिया है। पीएम मोदी ने अपने भाषण में सपा और बसपा पर निशाना साधा था और कहा था कि जो लोग एक दूसरे को देखना तक पसंद नहीं करते थे वो आज अपना वजूद बचाने के लिए एक हो गए हैं। पीएम ने विकास योजनाओं में भी पूर्ववर्ती सपा-बसपा सरकारों द्वारा रोड़ा अटकाने की बात कही थी।
बयान में मायावती ने कहा कि कर्नाटक में साम, दाम, दंड, भेद समेत सभी तरह के हथकंडे अपनाने के बावजूद सरकार बनाने मे सफल नहीं होने से भाजपा का शीर्ष नेतृत्व कुंठा और हताशा से ग्रसित प्रतीत होता है। इसी वजह से अपनी चुनावी राजनीति के लिए मैदान तैयार करने के क्रम में देश को जातिवादी व साम्प्रदायिक तनाव और हिंसा की आग में झोंकने का प्रयास सरकारी संरक्षण में लगातार कर रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा लोकसभा चुनाव समय से पहले इस साल के अंत में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा के साथ करा सकती है।
जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती की सरकार को गिराकर भाजपा इसकी भूमिका तैयार कर चुकी है। मायावती ने कहा कि संसद के मानसून सत्र मे मोदी सरकार को ‘‘अविश्वास प्रस्ताव‘‘ का सामना करना है लेकिन इससे बचने के लिए भाजपा बजट सत्र को बाधित करने की भांति इस बार भी ऐसी ही नकारात्मक रणनीति बनाती दिखाई दे रही है। बता दें कि बीजेपी की पूर्व सहयोगी टीडीपी संसद के मानसून सत्र में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने जा रही है। बजट सत्र में भी मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था लेकिन लोकसभा स्पीकर ने उसे स्वीकार नहीं किया था और गतिरोध के बीच बजट सत्र का समापन कर दिया गया था।