हाई कोर्ट ने मगाई महाराष्ट्र पुलिस की जमकर क्लास, कहा: हर लापता लड़की प्रेमी के साथ नहीं भागती
बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस की जमकर क्लास लगाते हुए कहा है कि फिल्मों में जैसा दिखाया जाता है, वैसा नहीं होता, हर लापता लड़की प्रेमी के साथ नहीं भागती। ठाणे से पिछले साल लापता हुई नाबालिग लड़की को खोजने में नाकाम रही महाराष्ट्र पुलिस से कोर्ट ने कहा कि वे ये सोचना बंद कर दें कि हर लापता व्यक्ति अपने प्रेमी के साथ भाग जाता है। जस्टिस एससी धर्माधिकारी और भारती डांगरे की पीठ ने कहा, ‘हम पुलिस के इस तरह के माइंडसेट से, इस तरह की सोच से काफी हैरान हैं… जांच टीम और उच्च पद पर बैठे हुए अधिकारियों को हर केस को एक तरह से नहीं देखना चाहिए। उन्हें ये नहीं सोचना चाहिए कि अगर कोई लड़की लापता होती है तो वह अपने प्रेमी के साथ ही भागी होगी। मुख्य रूप से जैसा कि फिल्मों में दिखाया जाता है, वैसा नहीं सोचना चाहिए।’
कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों को यह नहीं भूलना चाहिए कि यह असल जिंदगी है और यहां ऐसे पीड़ित लोग हैं, जो अपने बच्चों के लापता होने के कारण दुखी हैं। कोर्ट ने कहा, ‘…अब सोच और विचार में बदलाव लाने के लिए बहुत जरूरी समय हो गया है।’ कोर्ट ने यह बात एक लापता लड़की के पिता द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुई कही। लापता लड़की के पिता ने याचिका दायर कर मांग की थी कि पुलिस को उनकी बच्ची की खोज में शीघ्रता लाने के लिए निर्देश दिए जाएं।
कोर्ट के पिछले आदेशों का अनुपालन करते हुए एडिशनल पब्लिक प्रोसेक्यूटर जेपी याग्निक ने कोर्ट में रिपोर्ट सौंपते हुए पुलिस की तरफ से लड़की का पता लगाने के मामले में असमर्थता जाहिर की। याग्निक ने अभी तक हुई छानबीन के आधार पर रिपोर्ट सौंपी, जिसमें यह बात कही गई कि नाबालिग लड़की ने स्कूल के एक लड़के की बातों में आकर अपनी मर्जी से घर छोड़ा है। याग्निक ने बताया कि दोनों तमिलनाडु भागे और अपनी लोकेशन भी बदलते रहे। याग्निक ने कोर्ट में बताया कि पुलिस ने लड़के के पैरेंट्स का बयान भी रिकॉर्ड किया है। कोर्ट ने पुलिस का प्वाइंट जानने के पूछा कि वे इतने दावे के साथ ऐसा कैसे कह सकते हैं कि इस सबमें लड़के के पैरेंट्स, उसके रिश्तेदार और दोस्त शामिल नहीं थे? बेंच ने पूछा, ‘क्या स्कूल के बच्चे अपने दम पर किसी नई जगह पर इतने लंबे समय तक रह सकते हैं? वे अपनी लोकेशन कैसे बदल रहे हैं, होटलों में कैसे जा रहे हैं, कौन उन्हें पैसे दे रहा है? आप लोग फिर से परिवार और रिश्तेदारों से सवाल क्यों नहीं करते? आप इतने दावे के साथ ऐसा कैसे कह सकते हैं कि वे लोग झूठ नहीं बोल रहे?’