तीन दिनों से भूखी एक लड़की ने आखिरकार अपनी दे दी जान, पिता और भाई को बताया ज़िम्मेवार

उत्तर प्रदेश के आगरा में मानवता और रिश्ते को शर्मसार करनेे वाली घटना सामने आई है। यहां तीन दिनों से भूखी एक लड़की ने आखिरकार अपनी जान दे दी। इसके लिए उसने अपने पिता और भाई को जिम्मेवार बताया है। कहा कि भगवान ऐसे पिता और भाई किसी को न दें। मेरी आत्मा को शाांति उस दिन मिलेगी, जब इन्हें सजा होगी।

लड़की ने मरने से पहले एक मार्मिक सुसाइड नाेट लिखा है। उसने लिखा, ” मेरे पिता ने किसी को नहीं पढ़ाया। सभी अपनी मेहनत से पढ़े। अब वह खाने का सामान भी लाकर नहीं देते हैं। मां को पागल कर दिया है। अब तक मैं छोटे भाई अौर बहन की वजह से जिंदा थी। लेकिन पिता ने पिछले दिनों भाई को भी घर से निकाल दिया। दिनों दिन उनका आतंक बढ़ता जा रहा है। जब तक घर में दादी रह रही थीं, पिताजी राशन लाते थे। उनके जाने के बाद राशन आना भी बंद हो गया। खुद बुआ के घर जाकर खा लेते हैं। मैंने तीन दिनों से कुछ नहीं खाया है। रसोई में गैस सिलिंडर और आटे का कनस्तर भी खाली है। मुझे और मेरी मां को भूखा रखा जाता है। मेरे पिता और भाई मुझे मार देना चाहते हैं। इसी कारण से मैं जान देने जा रही हूं। जान देने के सिवा मेरे पास कोई और चारा नहीं है। भगवान ऐसे पिता और भाई किसी को न दें। लेकिन मेरी आत्मा को शांति तभी मिलेगी, जब पिता, बुआ, दादी और बड़े भाई को सजा मिलेगी।”

लड़की के सुसाइड नोट के आधार पर उसकी मां ने पिता, भाई, दादी और बुआ के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज करवायाा है। बताया जाता है कि लड़की के पिता का नाम नेकराम है और वे पिछले 30 वर्षों से आगरा के एत्माद्दौला के प्रकाश नगर में रह रहे थे। वे बोरिंग और हैंडपम्प की मरम्मत कर अच्छे पैसे कमाते थे, लेकिन उनकी शराब की लत ने पूरे परिवार को तबाह कर दिया। परिवार में नेकराम की पत्नी के अलावा दो बेटे और चार बेटिया थी। इनमें दो बेटों और दो बेटियों की शादी हो चुकी थी। घर पर नेकराम की पत्नी और दो बेटियां रहती थी। इधर कुछ दिनों से अनाज का एक दाना न होने की वजह भूखमरी की स्थिति पैदा हो गई थी। आखिरकार नेकराम की एक बेटी ने आत्महत्या कर ली।

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