कांग्रेस में शामिल हुए थे रिटायर्ड जज, सुप्रीम कोर्ट ने अपने पैनल से हटाया

एक असामान्य स्थिति के साथ सामना करने के बाद, सुप्रीम कोर्ट को महाराष्ट्र सरकार और राज्य सहकारी बैंक के बीच विवादों को समझौता करने के लिए एक पैनल से एक रिटायर्ड जज को हटाना पड़ा। अदालत ने बॉम्बे हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज अभय एम थिपसे को इसलिए हटाया, क्योंकि राज्य सरकार ने यह बताया कि वे कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। राज्य सरकार के वकील ने थिपसे के राजनीतिक दल में शामिल होने के पत्र को सौंपा। यह वाक्या उस समय हुआ, जब काउंसिल ने दावा समिति की स्थापना के लिए आैपचारिक अधिसूचना जारी करने में दिक्कत दिखाई। इस पर बेंच ने जब पूछा तो बताया गया कि रिटायर्ड जज कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। बेंच ने कहा कि क्या! वे एक राजनीतिक पार्टी में शामिल हो गए हैं। अक्सर ऐसा नहीं होता है। हमें उनके राजनीतिक पार्टी में शामिल होने के पत्र दिखाएं। इसके बाद राज्य सरकार के वकील ने पत्र दिखाए।

दरअसल, राज्य सरकार और महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड के बीच राजकोषीय विवादों में मध्यस्थता करने के लिए दावे समिति पर न्यायिक सदस्य के रूप में थिपससे को नामित किया गया था। उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मनोनीत होने वाले एक अन्य विशेषज्ञ के साथ अप्रैल में अदालत के आदेश द्वारा राज्य सरकार द्वारा बैंक को देय राशि पर पंक्तियों को सुलझाने का कार्य दिया था। लेकिन जून में, थिपसे “फासीवाद और असहिष्णुता से लड़ने” से लड़ने के लिए कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एक औपचारिक आयोजन में उनका स्वागत किया था।

इस बारे में सूचित होने पर, खंडपीठ ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय से रिटायर्ड मुख्य न्यायाधीश एसजे वजीफादार को समिति के नए सदस्य के रूप में नामित करने का फैसला किया। अदालत के आदेश में कहा गया है कि 9 जुलाई, 2018 के एक पत्र को हमारे सामने रखा गया है जो न्यायमूर्ति अभय एम थिपसे से संबंधित था। उसमेंं यह है कि थिपसे एक राजनीतिक दल में शामिल हो हो गए हैं। हम इस प्रकार पंजाब व हरियाणा के पूर्व मुख्य न्यायाधीश श्री न्यायमूर्ति एसजे वाजिफादार की नियुक्ति दावे समिति के सदस्य के रूप में करते हैं।

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