जम्मू-कश्मीरः बच्चों को आतंकी बनने के लिए उकसाने के आरोप में 13 शिक्षकों पर एक्शन
जम्मू और कश्मीर में बच्चों को आतंकी बनने के लिए उकसाने के आरोप में 13 शिक्षकों को हिरासत में लिया गया है। ये सभी शिक्षक बारामुला स्थित एक निजी स्कूल के हैं। घटना से जुड़े कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं। 13 से 14 साल के बच्चे को इनमें जानदाफरन के जंगलों में आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के लिए उकसाते दिखाया गया। यह मामला जुलाई के पहले हफ्ते का बताया जा रहा है।
वीडियो में कुछ बच्चे मौत को गले लगाने वाले गाने गाते-बजाते दिखे, जबकि कुछ आतंकियों जैसा बर्ताव कर रहे थे। उन्हें देखकर लग रहा था कि मानो वे किसी आतंकी हमले के लिए तैयार हों। हालांकि, इस मुद्दे पर स्कूल ने बात करने से इन्कार कर दिया। बारामुला में मुख्य शिक्षा अधिकारी अब्दुल अहमद घनी ने ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ को बताया कि वह मामले की जांच कराएंगे। स्कूल प्रबंधन के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
बच्चों से जुड़े वीडियो वायरल होने पर पुलिस फौरन हरकत में आई। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं को बच्चों का दिमाग बरगलाने के लिए अंजाम दिया गया है, ताकि उन्हें भविष्य में आतंकी बनाया जा सके। सूत्रों के अनुसार, रविवार को कुछ बुजुर्गों की दखल के बाद 13 में से 11 शिक्षकों को कड़ी चेतावनी के बाद पुलिस ने जाने दिया। वहीं, दो के पास से आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई। उन्हीं में से एक ने बच्चों का वह वायरल वीडियो शूट किया था।
आपको बता दें कि पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन ने कश्मीरी बच्चों का इस्तेमाल किया है। वे घाटी में भारतीय सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में उन्हें आजमा चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की रिपोर्ट में भी कुछ दिन पहले इस बात का जिक्र हो चुका है।
‘बच्चे और सशस्त्र संघर्ष’ से जुड़ी वार्षिक रिपोर्ट में जनवरी से दिसंबर 2017 के बीच दुनिया भर में हुए सशस्त्र संघर्षों में 10 हजार से अधिक बच्चे मारे गए या दिव्यांग हो गए। आठ हजार से अधिक बच्चों को उस दौरान संघर्ष में इस्तेमाल किया गया था। रिपोर्ट में कुल 20 देशों के नाम थे।