अलगाववादी नेता असिया अंद्राबी और सहयोगियों को 30 दिन की जुडिशियल रिमांड

अलगाववादी महिला संगठन दुख्तरान-ए-मिल्लत की नेता आसिया अंद्राबी और उनकी दो सहयोगियों को यहां की एक अदालत ने कथित रूप से जम्मू एवं कश्मीर में अलगाववाद व हिंसा फैलाने के लिए 30 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की 10 दिन की हिरासत समाप्त होने के बाद अंद्राबी, सोफी फहमीदा और नाहिदा नसरीन को एनआईए की विशेष न्यायाधीश पूनम बांबा की अदालत के समक्ष पेश किया गया। इन लोगों के खिलाफ राजद्रोह का मामला चल रहा है। एनआईए ने कहा कि आरोपी भारत के खिलाफ हिंसा भड़काने और कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए कई मीडिया मंचों का उपयोग कर घृणित भाषणों को प्रचारित कर रही थी। एजेंसी ने कहा कि ‘ये लोग लगातार ऐसे कार्यो में संलिप्त थे जिससे भारत की अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता को खतरा है।’

एनआईए ने आरोप लगाया कि अंद्राबी और उसकी सहयोगी सक्रिय रूप से आतंकवादी संगठन ‘दुख्तरान-ए-मिल्लत’ चला रही थी । एजेंसी ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के अंतर्गत इन लोगों पर मामला दर्ज किया है।

गौरतलब है कि 6 जुलाई को ही अशिया को दिल्ली लाया गया था। महिला अलगाववादी समूह दुख्तरान-ए-मिल्लत की प्रमुख आसिया अंद्राबी और उनकी दो सहयोगियों को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) शुक्रवार को दिल्ली लेकर आई थी।  पुलिस सूत्रों के मुताबिक आईएनए अधिकारी अंद्राबी और उनकी दो सहयोगियों को श्रीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे के जरिए दिल्ली ले जाया गया था। एनआईए राजद्रोह मामले में तीनों को दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत में पेश करने के लिए यहां लाया गया था। ताकि अलगाववाग व हिंसा फैलाने जैसे मामलों की पूछताछ की जाए।

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