35 साल बाद सेना में व्यापक सुधार की तैयारी, ब्रिगेडियर का पद होगा खत्म!

भारतीय सेना अपनी ऑफिसर कैडर में व्यापक बदलाव करने की तैयारी कर रही है। खबरों के अनुसार, सेना अपनी रैंक में कटौती करने की योजना बना रही है। जिसके तहत ऑफिसर रैंक में से ब्रिगेडियर के पद को खत्म किया जा सकता है! सेना में इस बदलाव का उद्देश्य करियर की बेहतर संभावनाएं बनाना और उन्हें सिविल सेवाओं के समान बनाना है। बता दें कि सेना में यह बदलाव 35 साल के लंबे अंतराल के बाद हो रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, 12 लाख की सेना में मौजूदा समय में 42000 अफसर शामिल हैं। सेना अपनी मौजूदा 9 ऑफिसर रैंक्स में कटौती कर इसे 6 या 7 कर सकती है। सेना से ब्रिगेडियर का पद खत्म होने का मतलब होगा कि कर्नल के पद पर तैनात अफसर प्रमोशन पाकर सीधे मेजर जनरल बन सकते हैं।

सेना के एक अफसर के अनुसार, सिविल सेवाओं में भी फिलहाल 6 पद हैं, वहीं आर्म्ड फॉर्सेस अभी भी अपने पुराने ढांचे पर चल रही हैं। बता दें कि सेना चीफ जनरल बिपिन रावत ने बीते माह ऑफिसर कैडर में व्यापक बदलाव के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी को नवंबर के अंत तक अपनी रिपोर्ट पेश करनी है। सेना के प्रवक्ता का कहना है कि “ब्रिगेडियर रैंक हटाने का अभी सिर्फ प्रपोजल है। अंतिम निर्णय लेने से पहले इस पर व्यापक चर्चा की जाएगी। सभी सेनाएं इफेक्टिव और डाइनेमिक बने रहने के लिए समय-समय पर ऐसी रुटीन स्टडी करती रहती हैं।”

सेना के अनुसार, ब्रिगेड कमांडर, जो कि सिविल सेवाओं में इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस से सीनियर होता है, लेकिन आईजी पुलिस, ब्रिगेडियर से ज्यादा पे-ग्रेड पाता है, ऐसे में नए बदलावों के बाद इस अंतर को पाटने की कोशिश हो सकती है। गौरतलब है कि सिविल सर्विस के अफसर 18 सालों में ज्वाइंट सेक्रेटरी के पद तक पहुंच जाते हैं, जबकि सेना में इस लेवल तक पहुंचने के लिए 32-33 साल लगते हैं। वहीं 100 आईएएस अफसरों में से करीब 80 ज्वाइंट सेक्रेटरी के पद तक पहुंचते हैं, लेकिन सेना में यह अनुपात 100 में से सिर्फ 5-6 ही है।

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