दो बार के राज्यसभा सदस्य रहे, अब बीजेपी से हुए अलग! ऊपरी सदन के लिए पार्टी ने इस बार नहीं किया था मनोनीत

दो बार के राज्यसभा सांसद और पायोनियर अखबार के एडिटर और मैनेजिंग डायरेक्टर चंदन मित्रा जल्द ही भाजपा छोड़ सकते हैं। हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। खबर के अनुसार, चंदन मित्रा ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को अपना इस्तीफा को भेज दिया है, लेकिन अमित शाह ने उनका इस्तीफा स्वीकार किया है या नहीं इसकी जानकारी अभी नहीं हो सकी है। द इंडियन एक्सप्रेस ने जब इस बारे में चंदन मित्रा से सवाल किया तो उन्होंने इस पर कोई भी कमेंट करने से इंकार कर दिया।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, उन्हें चंदन मित्रा के इस्तीफे की पहले से जानकारी थी, लेकिन इसके कारण के बारे में उन्हें नहीं पता है। बता दें कि मित्रा अगस्त 2003 से लेकर 2009* तक राज्यसभा के मनोनीत सदस्य थे। इसके बाद जून, 2010 में वह भाजपा के टिकट पर मध्य प्रदेश से चुनकर दोबारा राज्यसभा पहुंचे। साल 2016 में चंदन मित्रा का दूसरा कार्यकाल समाप्त हो गया था। इस बार भाजपा ने उन्हें राज्यसभा के लिए मनोनीत नहीं किया था। गौरतलब है कि चंदन मित्रा दिल्ली सर्कल में भाजपा के प्रमुख चेहरों में गिने जाते थे और गंभीर सामाजिक विषयों पर पार्टी का पक्ष जोरदार तरीके से रखने के लिए जाने जाते थे।

चंदन मित्रा को लालकृष्ण आडवाणी का करीबी समझा जाता है। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, आडवाणी कैंप का सदस्य होने के कारण ही शायद चंदन मित्रा को पीएम मोदी और अमित शाह के नेतृत्व में साइडलाइन कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि चंदन मित्रा ने बीते दिनों मोदी सरकार की आलोचना भी की थी और कैराना उप-चुनाव में पार्टी की हार को लेकर पार्टी नेतृत्व पर जमकर निशाना साधा था। मित्रा के अनुसार, पार्टी ने कैराना उप-चुनावों के दौरान गन्ना किसानों की समस्याओं पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया था, जिसका उसे खामियाजा भुगतना पड़ा। एनडीटीवी से बातचीत में चंदन मित्रा का कहना था कि उप-चुनावों में मिला हार पार्टी के लिए बड़ा झटका है और 2019 में यदि विपक्षी पार्टियां एकजुट हो जाएं तो वो भाजपा को कड़ी चुनौती दे सकती हैं।

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