नीतीश सरकार का फैसला- रेप या तेजाब पीड़िता को मिलेंगे 7 लाख रुपये

बिहार राज्य मंत्रिपरिषद ने पीड़ित प्रतिकर (संशोधन) स्कीम 2018 के तहत तेजाब हमले की शिकार और दुष्कर्म पीड़ितों की मुआवजा राशि को बढ़ाकर 7 लाख रुपये किए जाने को आज मंजूरी प्रदान कर दी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में संपन्न मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के विशेष सचिव उपेंद्र नाथ पांडेय ने बताया कि बिहार पीड़ित प्रतिकर स्कीम 2014 में संशोधन किया जाना आवश्यक हो गया था। पांडेय ने बताया कि प्रस्तावित योजना में जिला पीड़ित प्रतिकर निधि के गठन किए जाने का प्रस्ताव है जिसके अंतर्गत सभी जिलों में एक निधि गठित की जाएगी। उन्होंने बताया कि भादंवि की धारा 357 ए 6 के अंतर्गत पीड़ित को उपलब्ध करायी गयी तत्काल चिकित्सा सुविधा में किए गए सभी खर्च इस निधि से किए जाएंगे। पांडेय ने बताया कि पीड़िता की उम्र 14 वर्ष से कम होने पर 50 फीसदी अधिक राशि मिलेगी।

नीतीश सरकार का फैसला बकाई सराहना योग्य है। लेकिन नीतीश सरकार के इस फैसले से राज्य की वे युवतियां भी सवाल खड़े कर सकती हैं जिनके साथ रेप और तेजाब जैसे हमले की घटनाएं 14 साल से अधिक उम्र में होती हैं। क्योंकि हादसे किसी भी महिला या युवति के साथ हो सकते हैं। यह युवति की उम्र देखकर नहीं होते। लिहाजा ऐसे में नीतीश सरकार का फैसला भले ही 14 साल की युवतियों के हित में हो लेकिन यह सभी के साथ समानता नहीं है।

नीतीश सरकार अपने राज्य में कई सराहनीय योजनाओं पर काम कर रही हैं। बिहार में उन्होंने गुजरात की तर्ज पर शराब पर बैन लगाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी खूब तारीफें लूटी हैं। हालांकि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने को लेकर नीतीश सरकार को इस मामले में अब तक मोदी सरकार का कोई समर्थन नहीं मिला है। नीतीश चाहते हैं कि बिहार को देश का विशेष राज्य घोषित किया जाए और उसी के आधार पर वहां विकास किया हो।

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