बीजेपी की भद पिटवा रहे उसी के संगठन! मिशन 2019 पर लगा रहे ग्रहण?
2019 के लोकसभा चुनावों में प्रचंड जीत दोहराने के लिए बीजेपी जहां अपनी छवि चमकाने और मोदी सरकार के काम-काज को भुनाने में जुटी है, वहीं पार्टी से जुड़े कई संगठन अपने कारनामों से बीजेपी को न केवल पीछे धकेलने की कोशिशों में जुटे हैं बल्कि पार्टी की भद भी पिटवा रहे हैं। बीजेपी की युवा इकाई भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के कार्यकर्ताओं ने सोमवार (16 जुलाई) को पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता शशि थरूर के तिरुवनंतपुरम स्थित दफ्तर पर हमला कर दिया वहां जमकर तोड़फोड़ की। पुलिस के मुताबिक भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने वहां नारेबाजी भी की और थरूर पाकिस्तान जाओ के नारे लगाए। थरूर ने हाल ही में कहा था कि यदि बीजेपी दोबारा जीतकर केंद्र की सत्ता में आई तो वह संविधान को नए सिरे से लिखेगी और देश को हिंदू पाकिस्तान बना देगी। उनके इस बयान का भाजपा ने विरोध किया था। इस हमले के बाद थरूर ने ट्वीट कर कहा कि भाजपा और संघ के गुंडों ने उनके दफ्तर हमला किया है। इस मामले में पुलिस ने भाजयुमो के पांच कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया था जिन्हें बाद में जमानत पर छोड़ दिया गया।
मंगलवार (17 जुलाई) को भी झारखंड के पाकुड़ में तथाकथित भाजयुमो और एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने पूर्व मंत्री और सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश पर हमला कर उन्हें लहू-लुहान कर दिया। स्वामी अग्निवेश ने आरोप लगाया कि जब वो होटल से निकलकर जा रहे थे तब होटल के बाहर विरोध-प्रदर्शन कर रहे बीजेपी, एबीवीपी और भाजयुमो के कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला बोल दिया। स्वामी पाकुड़ से करीब 25 किलोमीटर दूर लिट्टीपाड़ा में आदिवासियों को उनके अधिकारों के हनन के बारे में जागरूक करने जा रहे थे। राज्य के मुख्यमंत्री रघुबर दास ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस ने मामले में छह लोगों के खिलाफ पाकुड़ नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज की है।
मंगलवार (17 जुलाई) को ही बीजेपी की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं ने उत्तराखंड के रामनगर के एक कॉलेज में भी उत्पात मचाया। रामनगर के पीएनजी कॉलेज में एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने पुलिस के सामने ही नामांकन लेने आए छात्रों की पिटाई कर दी। पिट रहे छात्रों को बचाने आए लोगों को भी एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने नहीं बख्शा। पिछले महीने ही गुजरात के भुज में एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने एक प्रोफेसर से बदसलूकी की थी। प्रोफेसर के चेहरे पर कालिख पोतने के बाद एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने उनका जुलूस भी निकाला था। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की है।
मई महीने में भी दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफेन्स कॉलेज के ईसाई प्रार्थना गृह के प्रवेश द्वार पर भी ‘मंदिर यहां बनेगा’ और क्रॉस के पीछे ‘ओम’ लिखा हुआ मिला था। तब आरोप लगाए गए थे कि इसके पीछे बीजेपी से जुड़े संगठनों का हाथ है।