तुर्की में खत्म हो सकता है आपातकाल, विपक्ष को आशंका और खराब होंगे हालात

तुर्की में 2016 में तख्तापलट की नाकाम कोशिश के बाद से जारी आपातकाल के आज समाप्त होने की संभावना है, लेकिन विपक्ष को आशंका है कि सरकार इसकी जगह और कठोर कानून ला सकती है। तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने 20 जुलाई 2016 को आपातकाल की घोषणा की थी। इससे पांच दिन पहले अंकारा में युद्धक विमानों से बमबारी की गयी थी और इस्तांबुल में हिंसक झड़प हुए थे , जिसमें 249 लोगों की मौत हो गयी थी। आपातकाल संभवत: तीन महीने के लिए लगाया जाता है, लेकिन इसे सात बार आगे बढ़ाया गया। इस दौरान करीब 80,000 लोगों को हिरासत में लिया गया है और करीब डेढ़ लाख लोगों को सरकारी संस्थानों से नौकरी से हटाया गया।

पिछले महीने राष्ट्रपति चुनाव प्रचार अभियान के दौरान एर्दोआन ने आपातकाल हटाने का संकल्प जताया था। बहरहाल चुनाव में एर्दोआन की जीत हुई और आपातकाल को स्थानीय समयानुसार गुरुवार देर रात एक बजे (अंतरराष्ट्रीय समयानुसार बुधवार रात 10 बजे) तक हटा दिया जायेगा। हालांकि विपक्ष संसद में एक नये कानून का विधेयक पेश किये जाने से नाराज है , क्योंकि इस कानून में आपातकाल के सबसे कठिन पहलुओं को औपचारिक रूप देने की मांग की गयी है।

गौरतलब है कि 2 साल पहले तर्की सेना ने पूरे देश पर अपना अधिपत्य जमाने की कोशिश की थी। इसके बाद तुर्की की राजनीति और सेना के बीच काफी उथर-पुथल की स्थिति देखने को मिली थी। आपको बता दें कि तुर्की सरकार ने जुलाई 2016 में तख्तापलट के विफल प्रयास से संबंधों को लेकर रविवार को 18,632 सिविल सेवकों को बर्खास्त करने का आदेश दिया था। इनमें अधिकतर पुलिस और सेना के अधिकारी-कर्मचारी शामिल थे। समाचार एजेंसी एफे की रिपोर्ट के मुताबिक, यह बर्खास्तगी आपातकाल के आदेश के तहत आधिकारिक विज्ञप्ति में प्रकाशित हुई है।

करीब नौ हजार पुलिस अधिकारी, छह हजार सशस्त्र बल कर्मी और न्याय मंत्रालय के एक हजार सिविल सेवक इस आदेश से प्रभावित होंगे। तुर्की मीडिया ने इसे आपातकाल का अंतिम आदेश करार दिया है। तुर्की सरकार ने विफल तख्तापलट प्रयास के लिए निर्वासित धार्मिक नेता फतुल्लाह गुलेन से जुड़े समूहों को जिम्मेदार ठहराया है। गुलेन अमेरिका में स्वनिर्वासित जीवन बिता रहे हैं।

20 जुलाई 2017 को आपातकाल लागू किया गया था। इसके बाद से हजारों अधिकारियों और शिक्षाविदें को गुलेन के साथ करीबी रिश्तों के चलते गिरफ्तार किया गया और उनके पदों से हटाया गया।

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