लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस मंजूर, शुक्रवार को होगी बहस
लोकसभा में आज मोदी सरकार के खिलाफ पेश अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस स्वीकार हो गया और स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि वह इस प्रस्ताव पर चर्चा की तिथि और अवधि के बारे में अगले दो..तीन दिन में घोषणा करेंगी । सदन में प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस देने वाले सभी सदस्यों का उल्लेख किया और तेदेपा के एस केसीनेनी को अविश्वास प्रस्ताव पेश करने को कहा । उल्लेखनीय है कि तेदेपा आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के प्रावधानों को पूर्ण रूप से लागू करने और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने की मांग को लेकर राजग गठबंधन से अलग हो गई थी। अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने एस केसीनेनी, तारिक अनवर, मल्लिकार्जुन खडगे समेत कुछ अन्य सदस्यों के अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस को स्वीकार किया है और अब वह इस नोटिस को सदन के समक्ष रख रही हैं।
अध्यक्ष ने उन सदस्यों से खड़े होने का आग्रह किया जो अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे सदस्यों की संख्या 50 से अधिक है, इसलिये यह प्रस्ताव सदन में स्वीकार होता है। उन्होंने कहा कि वह इस प्रस्ताव पर चर्चा की तिथि और अवधि के बारे में जल्द बतायेंगी । इस पर तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने कहा कि नियम के तहत 10 दिनों में इसके बारे में बताना होता है।
तब स्पीकर ने कहा कि निश्चित तौर पर वह नियमों के तहत ही काम करेंगी और इस बारे में तिथि और समय की जानकारी 2..3 दिनों में देंगी। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि सरकार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने को तैयार है और दूध का दूध-पानी का पानी हो जायेगा । हम निश्चत तौर पर विजयी होंगे । तेदेपा सदस्यों ने बजट सत्र के दौरान भी अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था लेकिन अध्यक्ष ने सदन में व्यवस्था नहीं होने का हवाला देते हुए उसे अस्वीकार कर दिया था।
उधर कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि हमने पहले अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था और हम बड़ी पार्टी थे, इसलिये इसे रखने का मौका हमें दिया जाना चाहिए था।
सदन में कांग्रेस सदस्यों ने इस विषय को जोरदार ढंग से उठाया । उस समय सदन में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी मौजूद थीं। इस पर स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि हमने नियमों के तहत काम किया है। जिन जिन सदस्यों ने नोटिस दिया था, उन सभी का उल्लेख किया और जिसने सबसे पहले रखा था, उन्हें प्रस्ताव रखने का मौका दिया।
उन्होंने कहा कि ‘‘अब किसी ने भी प्रस्ताव रखा, तो रख दिया । यह सब नियमों के तहत ही हुआ।