उत्तर प्रदेश: सीएम योगी आदित्यनाथ ने शिक्षामित्रों को दी सौगात
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षामित्रों को राहत देते हुए मौजूदा तैनाती के स्थान पर मूल तैनाती वाले स्कूल में भेजने का निर्णय लिया है। इससे शिक्षामित्रों को जिले के अंदर घर से दूर तैनाती से मुक्ति मिलेगी। मुख्यमंत्री ने शिक्षामित्रों को उनके मूल स्थान पर तैनात करने का विकल्प देने का फैसला किया है। इससे शिक्षामित्रों के पास विकल्प होगा कि वे या तो अपनी वर्तमान तैनाती के स्थान पर रहें या घर के पास मूल तैनाती वाले स्कूल में चले जाएं। शासन से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री के निर्णय के बाद विवाहित महिलाएं जिले में उस स्थान का भी चयन कर सकती हैं, जहां उनकी ससुराल का घर हो या उनके पति की तैनाती हो। इससे शिक्षामित्रों को उनके घर के नजदीक रहकर विद्यालय में कार्य करने का अवसर मिलेगा। इसके साथ ही उन्हें दूर के विद्यालय में आने-जाने में होने वाले व्यय, मानसिक तनाव और परेशानी से मुक्ति मिलेगी। इसके साथ ही समय की बचत भी होगी। इस कदम से शिक्षामित्रों को कार्य करने के बेहतर अवसर मिलेंगे।
जानकारी के लिए बता दें कि योगी आदित्यनाथ सरकार का यह फैसला प्रदेश के 1 लाख 37 हजार शिक्षामित्रों के हित में आया है। आपको बता दें कि देश में शिक्षामित्रों की नियुक्ति 2001 से शुरू हुई थी। 2010 तक उत्तर प्रदेश में 1.37 लाख शिक्षामित्रों को नियुक्त किया जा चुका है। सरकार द्वारा सभी शिक्षामित्रों की नियुक्ति उनके ब्लॉक में सबसे नजदीकी स्कूल में होती है। 2014 और 2015 में शिक्षामित्रों की सहायक अध्यापक के पद पर भी नियुक्ति होने लगी। जुलाई 2017 तक शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द कर दिया हया। इसके बाद उन्हें 10 हजार रुपए मानदेय पर संविदा पर वापस भेज दिया गया। सरकार के नए फैसले से शिक्षामित्रों में खुशी की लहर है। ऐसे में महिला शिक्षामित्र अपने परिवार को काफी समय दे सकती हैं।