पुडुचेरी: बीजेपी के तीन विधायकों को सुप्रीम कोर्ट से राहत, किरण बेदी ने किया था मनोनीत

उच्चतम न्यायालय ने पुडुचेरी विधान सभा में भाजपा के तीन सदस्यों के मनोनयन को स ही ठहराने के मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने से आज इंकार कर दिया।
शीर्ष अदालत ने विधान सभा अध्यक्ष से कहा कि इस मामले में दायर याचिका पर निर्णय होने तक मनोनीत सदस्यों को विधायक के रूप में काम करने दिया जाये। न्यायमूर्ति ए के सिकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने कांग्रेस नेताओं की याचिकाओं पर केन्द्र और पुडुचेरी सरकार को नोटिस जारी किये और उन्हें इस पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। कांग्रेस के नेताओं ने मद्रास उच्च न्यायालय के और भाजपा के तीन सदस्यों को विधायक मनोनीत करने के केन्द्र के एकतरफा निर्णय को चुनौती दी है।

उच्च न्यायालय ने 22 मार्च को अपने आदेश में भाजपा के तीन सदस्यों के मनोनयन और उपराज्यपाल किरण बेदी द्वारा उन्हें शपथ दिलाये जाने को सही ठहराया था। इस मनोनयन का कांग्रेस सरकार ने विराध किया है। उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि केन्द्र शासित प्रदेश के प्रशासक को मंत्रिपरिषद की सलाह पर ध्यान दिये बगैर ही कार्यवाही करने का अधिकार है।

अदालत ने विधायकों – वी सामीनाथन , के जी शंकर और एस सेल्वागणपति को विधायक के रूप में किरण बेदी द्वारा पिछले साल चार जुलाई को शपथ दिलाये जाने को रद्द करने के विधान सभा अध्यक्ष के आदेश को अवैध करार दिया था। इन मनोनीत भाजपा सदस्यों का आरोप था कि उन्हें उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद सदन के भीतर और बाहर तैनात पुलिसर्किमयों ने विधान सभा में प्रवेश करने से रोका।

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